नई दिल्ली: पेगासस जासूसी मामले पर आज सोमवार को फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि कथित पेगासस जासूसी मामले में स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिकाओं पर वह विस्तृत हलफनामा दायर करने का इच्छुक नहीं है. केंद्र ने कहा कि उसके पास छिपाने को कुछ नहीं है और इसी वजह से उसने अपनी ओर से विशेषज्ञों की समिति का गठन करने की बात कही है. किसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हुआ है या नहीं, यह सार्वजनिक चर्चा का विषय नहीं है. 


पेगासस जासूसी मामले पर सॉलिसीटर जनरल ने कहा, 'याचिकाकर्ता चाहते हैं सरकार लिख कर दे कि वह सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करती है या नहीं. हमारा मानना है कि हलफनामा दाखिल कर इस पर बहस नहीं कर सकते. आईटी एक्ट की धारा 69 सुरक्षा के लिहाज से सरकार को निगरानी की शक्ति देती है. हम निष्पक्ष कमिटी बनाएंगे.'


"सरकार अगर हलफनामा दाखिल नहीं करना चाहती तो..."
इसपर सीजेआई ने कहा, 'हमें जानना है कि क्या कोई भी स्पाईवेयर का इस्तेमाल कर सकता है? क्या इसका इस्तेमाल सरकार ने किया? क्या यह कानूनी तरीके से हुआ? सरकार अगर हलफनामा दाखिल नहीं करना चाहती तो हमें आदेश पारित करना पड़ेगा.'


वहीं याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा, 'जेठमलानी केस में SC ने कहा था कि जानकारी देना दोनों पक्षों का कर्तव्य है. 2019 में कहा गया था कि 120 लोगों की जासूसी की आशंका पर सरकार ने संज्ञान लिया है. व्हाट्सएप से जवाब मांगा गया है. इसका क्या हुआ? हमारा आरोप है कि सरकार जानकारी छिपाना चाहती है. फिर उसे कमिटी क्यों बनाने दिया जाए. हवाला केस में कोर्ट ने रिटायर्ड जज की कमिटी बनाई थी.'


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