जासूसी कांड: संसद के बाहर भी सरकार को घेरेगी कांग्रेस, अलग-अलग राज्यों में करेगी प्रेस कॉन्फ्रेंस
रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि बीजेपी और मोदी सरकार ने कर्नाटक में कांग्रेस गठबंधन सरकार को गिराने के लिए स्पाइवेयर का दुरुपयोग करके लोकतंत्र की हत्या की है.
नई दिल्ली: राजनेता, पत्रकार और अन्य लोगों की फोन टैपिंग और जासूसी के मामले पर संसद में हंगामा जारी है. कांग्रेस इस मामले में संयुक्त संसदीय समिति से जांच करवाने और गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफ़े की मांग कर रही है. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अब संसद के बाहर भी सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है. कांग्रेस देश के अलग अलग राज्यों में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन करेगी और प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी.
मंगलवार को दिल्ली कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पत्रकारों और नेताओं के विरुद्ध ‘पेगासस’के कथित इस्तेमाल के मुद्दे पर यहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कथित जासूसी की घटना की न्यायिक जांच की मांग की. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी नारे लगाते और हाथ में तख्तियां लिए हुए दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित पार्टी कार्यालय से निकले और पास ही स्थित बीजेपी मुख्यालय तक गए.
कांग्रेस ने चुनी हुई सरकारों को गिराने का आरोप लगाया
इसके साथ ही कांग्रेस ने सरकार पर पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग करके देश में चुनी हुई सरकारों को गिराने का आरोप लगाया और पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र जांच की मांग की. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि बीजेपी और मोदी सरकार ने कर्नाटक में कांग्रेस गठबंधन सरकार को गिराने के लिए स्पाइवेयर का दुरुपयोग करके लोकतंत्र की हत्या की है.
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने पेगासस जासूसी मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराए जाने और सरकार से श्वेत पत्र लाने की मांग की है, जिसमें इस बात का स्पष्ट जिक्र हो कि उसने इजराइली जासूसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया है अथवा नहीं. विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार पर हमला तेज कर दिया है,वहीं केन्द्र ने जासूसी के सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा कि भारतीय लोकतंत्र को ‘नुकसान’ पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
जासूसी कांड का मुद्दा संसदीय समिति में भी उठेगा
फोन जासूसी कांड का मुद्दा संसदीय समिति में भी उठेगा. कमेटी ने आईटी और गृह मंत्रालय के अधिकारियों को बुलाया गया है. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़ी स्थायी समिति की 28 जुलाई को बैठक बुलाई गई है. बैठक में सूचना प्रौद्योगिकी, गृह और संचार मंत्रालय के अधिकारियों को तलब किया गया है. बैठक का एजेंडा 'नागरिकों की डेटा सुरक्षा और प्राइवेसी' रखा गया है.
समिति से जुड़े सूत्रों के मुताबिक बैठक में इजराइली सॉफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल करके किए गए फोन जासूसी कांड के बारे में सवाल जवाब किए जाएंगे. समिति के अध्यक्ष शशि थरूर लगातार इस मुद्दे पर लगातार सरकार को घेर रहे हैं. इससे पहले 2019 में व्हाट्सएप डेटा के लीक होने का खुलासा हुआ था और उस वक्त भी समिति ने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारियों को सवाल जवाब के लिए बुलाया था.
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