(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पेगासस मामलाः दिल्ली प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने ‘जासूसी’ मामले की जेपीसी जांच की मांग की
जासूसी के मामले को लेकर लेकर देश के कई विपक्षी नेता मोदी सरकार को घेरने में जुटे हुए हैं. वहीं सरकार इस जासूसी के मामले को संसद में भी खारिज कर चुकी है.
नई दिल्लीः दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसीसी) के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने विपक्षी नेताओं, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के फोन नम्बरों सहित कम से कम 300 फोन नंबरों की जासूसी करने के लिए इजराइली स्पाइवेयर ‘पेगासस’ के कथित इस्तेमाल की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की बुधवार को मांग की.
अनिल कुमार ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम भी निगरानी वाले संभावित लक्ष्यों की सूची में है. उन्होंने दावा किया कि गांधी मौजूदा सरकार का "लक्ष्य" बने क्योंकि वह राफेल सौदे में भ्रष्टाचार, किसान आंदोलन और कोविड महामारी के कुप्रबंधन जैसे ‘‘असुविधाजनक मुद्दों’’ को लगातार उठाते रहे हैं.
केजरीवाली की चुप्पी पर सवाल
अनिल कुमार ने डीपीसीसी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मोदी सरकार को जेपीसी जांच के जरिए इस मुद्दे पर खुद को पाक-साफ साबित करना चाहिए.’’ अनिल कुमार ने विपक्षी नेताओं और अन्य प्रमुख नागरिकों के फोन की कथित जासूसी पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चुप्पी पर भी सवाल उठाया.
सरकार संसद में कर चुकी है खारिज
बता दें कि इस मामले को लेकर देश के कई विपक्षी नेता मोदी सरकार को घेरने में जुटे हुए हैं. वहीं सरकार इस जासूसी के मामले को संसद में भी खारिज कर चुकी है.
गौरतलब है कि एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन ने खुलासा किया है कि इजराइली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिये भारत के दो मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हैक किए गए होंगे.
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