असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने पेगासस जासूसी विवाद मामले में मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल की कथित भूमिका के चलते भारत में उसकी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मंगलवार को मांग की. बीजेपी नेता ने दावा किया कि यह पूरा मामला नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली केन्द्र सरकार की क्षवि खराब करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश है. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘एमनेस्टी इंटरनेशनल सहित दुनियाभर में विभिन्न वामपंथी संगठन, साजिश का हिस्सा हैं. यह स्पष्ट है कि वे भारत के लोकतंत्र को बदनाम करना चाहते हैं. मैं एमनेस्टी इंटरनेशनल की भारत में गतिविधियों पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग करता हूं.’’
सरमा ने कहा कि पहले भी साक्ष्य थे, लेकिन इस हालिया घटना से अब यह स्पष्ट हो गया है कि एमनेस्टी भारत के लोकतांत्रिक ताने बाने को बदनाम करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है.
गौरतलब है कि यह विवाद उस वक्त पैदा हुआ जब एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन ने खुलासा किया कि इजराइली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिये भारत के दो केंद्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक मौजूदा न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हो सकता है कि हैक किए गए हों.
इधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश में ‘नकारात्मक’ वातावरण बनाने और पेगासस जासूसी विवाद को लेकर संसद की कार्यवाही नहीं चलने देने को लेकर मंगलवार को विपक्ष की कड़ी आलोचना की और उनसे माफी मांगने को कहा. संवाददाता सम्मेलन में भाजपा नेता ने कहा कि विपक्ष के ‘नकारात्मक रवैये’ ने संसद में आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा नहीं होने दी.
आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘पिछले दो दिनों से विपक्ष पेगासस मुद्दे पर देश के वातावरण को दूषित करने का प्रयास कर रहा है और यह सिर्फ उनकी बीमार मानसिकता को दर्शाता है। कांग्रेस सरकारें अपने कार्यकाल में ऐसा करती रही हैं और अब पार्टी विपक्ष में आकर भी वही कर रही है.’’ मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर कोविड-19 महामारी संकट के दौरान ‘नकारात्मक राजनीति’ करने का आरोप लगाया.
इजराइली स्पाईवेयर ‘पेगासस’ का इस्तेमाल कर भारत में पत्रकारों, नेताओं, मंत्रियों, न्यायाधीशों और अन्य की जासूसी के आरोप के संदर्भ में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘लोगों को समर्थन देने के स्थान पर कांग्रेस के नेताओं ने कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान अराजकता की स्थिति पैदा कर दी. ऐसे समय में जब संसद सत्र आहूत करने जैसा ठोस फैसला लिया गया है तो, सत्र शुरू होने से महज एक दिन पहले सनसनखेज बात सामने लायी गयी, समाज के वातावरण को दूषित करने का प्रयास किया जा रहा है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह राजनीति के गिरने स्तर को दिखाता है. विपक्ष पूरी तरह से नकारात्मक भूमिका में है और जाने-अनजाने भारत को अस्थिर करने वाले किसी ना किसी अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र का हिस्सा बन रहा है.’’
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