Pegasus Spying Update: हंगामे से लेकर सरकार के जवाब तक, जानिए- अब तक इसे लेकर क्या हुआ है- 10 प्वाइंट्स
गार्जियन अखबार के खुलासे के मुताबिक इस सॉफ्टवेयर के जरिए दुनिया भर में 50 हजार से ज्यादा लोगों की जासूसी की जा रही है. गार्जियन का दावा है कि 16 मीडिया संगठनों की जांच के बाद ये खुलासा किया गया है.
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नई दिल्ली: देश में पत्रकारों, नेताओं समेत कई वीवीआईपी की जासूसी के दावों पर सड़क से संसद तक खूब सियासी हंगामा हो रहा है. विपक्ष मानसून सत्र के दौरान इस मुद्दे को हाथ से जाने नहीं देना चाहता. जासूसी मामले में विपक्ष ने स्वतंत्र जांच और गृह मंत्री के इस्तीफे और प्रधानमंत्री की जांच की मांग की है. आज सरकार ने कोरोना के मुद्दे पर एक सभी फ्लोर लीडर्स की एक बैठक बुलाई है.
इस बैठक से पहले विपक्षी नेता एक बैठक करेंगे और फैसला लेंगे कि प्रधानमंत्री की बैठक में शामिल होना है या नहीं. वहीं जासूसी मामले पर सरकार भी विपक्ष के हमलों को लेकर तैयार नजर आ रही है. आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव आज सुबह 11 बजे राज्यसभा में पेगसस पर बयान जारी करेंगे. जानें इस पूरे मामले से जुड़ी दस बड़ी बातें
1. अभी तक इस खुलासे के दो भाग सामने आए हैं. पहले भाग में देश के 40 से ज्यादा पत्रकारों, दो केंद्रीय मंत्रियों, एक जज और तीन विपक्षी नेताओं की जासूसी की बात सामने आयी थी. इसके अलावा रिपोर्ट में अन्य नामों का किसी ना किसी कारण खुलासा नहीं किया गया है. लेकिन कहा है कि आने वाले समय में और नामों का खुलासा होगा. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कई पत्रकारों से फॉरेंसिक विशलेषण में शामिल होने के बाबत बात की गई. लेकिन उन्होंने विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए इसमें भाग लेने से इनकार कर दिया.
2. खुलासे के दूसरे भाग के मुताबिक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, भारतीय जनता पाार्टी के मंत्रियों अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद सिंह पटेल, पूर्व निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद अभिषेक बनर्जी और भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई पर अप्रैल 2019 में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली उच्चतम न्यायालय की कर्मचारी और उसके रिश्तेदारों से जुड़े 11 फोन नंबर हैकरों के निशाने पर थे.
3. जासूसी कांड पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने है. कांग्रेस इस मुद्दे के जरिए सरकार को घेरने की कोशिश में है और इसके लिए विपक्ष का उसे भरपूर साथ भी मिल रहा है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी के चेहरा और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भी जासूसी की गई. कांग्रेस इस मुद्दे पर सीधे प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पर निशाना साध रही है. राहुल गांधी समेत कई प्रमुख हस्तियों की कथित तौर पर जासूसी किए जाने के मामले को लेकर सोमवार को भाजपा को ‘भारतीय जासूस पार्टी’ करार दिया.
4. गृह मंत्री अमित शाह ने भी बयान जारी कर पलटवार किया है. उन्होंने कहा, ''विघटनकारी और अवरोधक शक्तियां अपनी साजिशों से भारत की विकास यात्रा को नहीं रोक सकतीं, देश विकास के नए मापदंड स्थापित करेगा.'' गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे ‘‘अवरोधक’’ और ‘‘विघटनकारी’’ अपनी साजिशों से भारत को विकास के पथ से नहीं उतार पाएंगे.
5. इस मुद्दे पर कांग्रेस को विपक्ष का भी साथ मिल रहा है. शिवसेना ने शक जताया कि महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे का भी फोन टैप हुआ हो. राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा, ‘‘लोगों के बीच भय का माहौल है. प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देना चाहिए.’’ राउत ने कहा कि उन्होंने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से इस बारे में बात की है तथा मानसून सत्र में इस मुद्दे को भी उठाया जाएगा. संसद के मौजूद सत्र में विपक्ष इस मुद्दे को आसानी से छोड़ने वाला नहीं है.
6. केंद्रीय कानून मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कल इस मुद्दे पर लोकसभा में बयान दिया और आरोपों को नकार दिया. उन्होंने कहा कि यह आरोप संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं. वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है. वैष्णव ने कहा, ‘‘कल रात को एक वेब पोर्टल द्वारा बेहद सनसनीखेज खबर प्रकाशित की गई. यह प्रेस रिपोर्ट संसद के मॉनसून सत्र के एक दिन पहले सामने आई. यह संयोग नहीं हो सकता है. अतीत में वॉट्सऐप पर पेगासस के इस्तेमाल करने का दावा सामने आया. इन खबरों का तथ्यात्मक आधार नहीं है और सभी पक्षों ने इससे इनकार किया है.’’
7. संसद के मानसून सत्र का पहला दिन जासूसी कांड के कारण हंगामे की भेंट चढ़ गया. हंगामे के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी मंत्रिपरिषद के सदस्यों का परिचय भी नहीं करवा पाए. हंगामे के कारण लोकसभा दो बार और राज्यसभा तीन बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी. दोनों सदनों में विपक्षी सदस्य तीन नये कृषि काननों, महंगाई सहित विभिन्न मुद्दों पर नारेबाजी करते दिखे. कुछ विपक्षी सदस्यों ने आसन के समक्ष आकर नारेबाजी भी की. इस पर प्रधानमंत्री ने विपक्षी सदस्यों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा है कि दलित, आदिवासी, ओबीसी और महिला मंत्रियों का यहां परिचय कराया जाए.
8. आज भी इस मुद्दे पर संसद में हंगामे के आसार हैं. तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर राय ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत पेगासस 'जासूसी' मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है. नियम 267 विपक्षी सांसदों को उच्च सदन में नियमित कामकाज को रोककर किसी ज्वलंत मुद्दे पर चर्चा करने के लिए लिखित नोटिस देने का अवसर देता है. उधर टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर जासूसी के आरोपों को लेकर तंज कसते हुए कहा कि शाह जासूसी कराने के बावजूद बंगाल विधानसभा चुनाव में हार के अपमान से अपना चेहरा नहीं बचा पाए.
9. क्या है मामला? द गार्जियन और वॉशिंगटन पोस्ट ने एक रिपोर्ट के जरिए आरोप लगाया है कि दुनिया की कई सरकारें एक खास पेगासस नाम के सॉफ्टवेयर के जरिए मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, बड़े वकीलों समेत कई बड़ी हस्तियों की जासूसी करवा रही हैं, जिसमें भारत भी शामिल है. गार्जियन अखबार के खुलासे के मुताबिक इस सॉफ्टवेयर के जरिए दुनिया भर में 50 हजार से ज्यादा लोगों की जासूसी की जा रही है. गार्जियन का दावा है कि 16 मीडिया संगठनों की जांच के बाद ये खुलासा किया गया है.
10. कैसे होती है जासूसी? पेगासस एक स्पाइवेयर है जिसे इजराइली साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ ग्रुप ने बनाया है. ये एक ऐसा प्रोग्राम है जिसे अगर किसी स्मार्टफ़ोन फ़ोन में डाल दिया जाए, तो उसकी सारी जानकारी हैकर के हाथ में होगी. जिसे टारगेट करना होता है, पेगासस के जरिए उसके फोन पर SMS, वॉट्सएप या किसी और माध्यम से एक लिंक भेजा जाता है. खास बात ये है कि फोन हैक होने के बाद भी आपको बिल्कुल पता नहीं चलेगा. ये स्पाइवेयर इतना तगड़ा है कि आईफोन को भी हैक कर सकने में सक्षम है. यहां तक कि आपका फोन लॉक होने पर भी पेगासस काम कर सकता है.
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