नई दिल्ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और केंद्र के बीच जारी तनातनी और बढ़ सकती है. दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नई पेंशन स्कीम की जगह पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का वादा किया है. उन्होंने कहा कि वह इसके लिए गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखेंगे. आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख केजरीवाल ने कहा कि पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने के लिए दिल्ली विधानसभा से प्रस्ताव पारित किया जाएगा.


उन्होंने कल दिल्ली के रामलीला मैदान में ऑल टीचर्स इम्पलॉय वेलफेयर एसोसिएशन (ATEWA) को संबोधित करते हुए कहा, ''बिल को मंजूरी मिलने के बाद केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. हम इसे लागू करने के लिए केंद्र सरकार से लड़ेंगे. हम पश्चिम बंगाल, केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक सरकार को भी इस संबंध में पत्र लिखेंगे.'' दरअसल, कई सरकारी अधिकारियों ने पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने के लिए मांग उठायी है. उनका कहना है कि नई पेंशन स्कीम से फायदा कम और घाटा ज्यादा है.


अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''सरकारी कर्मचारियों में यह शक्ति है कि वह देश की सरकार को बदल सकते हैं. मैं केंद्र सरकार को चेतावनी देना चाहता हूं कि अगर उसने तीन महीने के भीतर कर्मचारियों की मांगों को नहीं मानी तो ये उन्हें 2019 में उखाड़ फेकेंगे.''


इस मौके पर दिल्ली के आप नेता और सांसद संजय सिंह ने कहा कि अगर हमारे देश में 40 दिन तक विधायक, सांसद रहने वाले लोगों को ज़िन्दगी भर पेंशन मिलती है तो 40 साल काम करने वाले कर्मचारी को क्यों नहीं? पेंशन कर्मचारियों का हक़ है, हम इसे दिलवाकर ही दम लेंगे.


क्या है अंतर?
आपको बता दें कि 2004 में केंद्र ने नई पेंशन स्कीम पेश किया था. इसके तहत कर्मचारियों को अपने मासिक वेतन से पैसा पेंशन स्कीम में देना होता है और इतना ही सरकार भी स्कीम में पैसा देती है. इस पैसे का फिर विभिन्न निवेश योजनाओं में उपयोग किया जाता है. लेकिन पुरानी पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को पैसा नहीं देना होता था.


अब कर्मचारियों को वेतन, महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत कटता है और 60 की उम्र में जमा राशि का 60 फीसदी मिलता है जो राशि मिलती है उस पर टैक्स लगता है. बाकी 40 फीसदी लंबी अवधि के निवेश में जाता है. पुरानी पेंशन में आधा वेतन मिलता था.


पुरानी पेंशन सरकार देती है. नई पेंशन बीमा कम्पनी देगी. नई पेंशन योजना में पारिवारिक पेंशन को समाप्त कर दिया गया है. पुरानी पेंशन पाने वालों के लिए रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी मिलता है. लेकिन नई पेंशन स्कीम में यह सुविधा नहीं है. पुरानी पेंशन स्कीम में ब्याज दर निश्चित है लेकिन नई पेंशन स्कीम पूरी तरह शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर आधारित है.


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