दिल्ली के जंतर मंतर में जनसैलाब हाथरस की बेटी के लिए हाथ में शम्मा और जुबां पर गुजारिश के साथ सड़क पर उतर आई. राजनीतिक चेहरों से लेकर सोशल एक्टिविस्ट तक सभी इस प्रदर्शन में शामिल हुए. शुक्रवार शाम 5:00 बजे से जंतर मंतर पर सभी ने एकजुट होकर यह आवाज उठाई की प्रशासन और सरकार को क्यों हाथरस की बेटी के लिए 'इंसाफ' दिलाना इतनी बड़ी बात लग रही है. जंतर मंतर पर एकजुट हुए लोगों के मन में सिर्फ एक बात जगजाहिर हो रही थी कि आखिर हमने कई साल पहले दिल्ली में हुए निर्भया केस से क्या सीखा ? क्यों हमारी घर की बेटियों के लिए घर से निकलना इतनी बड़ी जंग बन गई है?
इस प्रदर्शन में दिल्ली के अलग-अलग संगठनों ने जमकर सरकार और प्रशासन को ललकारा. जिसमें जेएनयूएसयू, डीयू छात्र, आम आदमी पार्टी, भीम आर्मी, समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता, महिला संगठन, छात्र संगठन आदि सभी ने जमकर इस प्रदर्शन के जरिए बड़े से बड़े सवाल उठाए.
आम आदमी पार्टी से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बड़ी संख्या में अपने कार्यकर्ताओं और कई विधायकों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए, जिसमें सौरभ भारद्वाज, आतिशी मार्लेना, राजकुमारी ढिल्लो ने मोमबत्ती जलाकर प्रदर्शन में हिस्सा लिया और हाथरस में हुई घटना पर सरकार और प्रशासन दोनों पर सवाल उठाते हुए परिवार के लिए इंसाफ की मांग की. तो वही सोशल एक्टिविस्ट से लेकर राजनीतिक चेहरे जैसे योगेंद्र यादव, स्वरा भास्कर, जिग्नेश मेवानी, चंद्रशेखर आजाद सभी ने प्रदर्शन में प्रशासन और सरकार पर जमकर सवाल उठाएं और उस परिवार के साथ खड़े होने की बात की और उस परिवार और उस बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए बड़े स्तर पर मांग की.
सभी मौजूद महिलाओं और लड़कियों में आक्रोश ज़ाहिर हो रहा था. लोगों का कहना था कि निर्भया केस के इतने साल बीत जाने के बाद भी हम आज भी वही खड़े हैं. मोमबत्तियां तब भी जली थी और आज भी जल रही हैं लेकिन आज तक बेटी सुरक्षित नहीं है.
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