मुंबईः मुंबई के भायंदर इलाके में करीब 15 साल से रियल एस्टेट एजेंट का काम करने वाले प्रकाश मेहता का लॉकडाउन के कारण रोजी-रोटी छिन गई है. परिवार चलाना मुश्किल हो गया है. प्रकाश बताते है कि उनके बहुत सारे परिचित ऐसे एस्टेट एजेंट है जिनका धंधा बंद हो गया, उन्हें अब दूसरे काम करने पड़ रहे हैं तो कुछ लोग बड़ा पाव बेच रहे है.


प्रॉपर्टी एजेंट एसोसिएशन से जुड़े श्याम गोस्वामी बताते है कि मुम्बई के एस्टेट एजेंट कभी खूब पैसा कमाते थे शान की जिंदगी जीते थे, लेकिन लॉक डाउन ने उन्हें तबाह कर दिया है.


लॉक डाउन में लगभग 80 फीसदी स्टेट एजेंट के दफ्तर बंद हो गए है. रोजगार पूरी तरह से बंद हो गया है. स्थिति ऐसी है कि घर दिलाने वाले बेघर हो गए है और अपना दर्द छुपाकर वो गुजर बसर कर रहे हैं.


मुंबई की बहुमंजिला इमारतों में घर किराए पर दिलाने का काम और खरीदने बेचने का माध्यम, मुम्बई और उसके आस पास के इलाको में स्टेट एजेंट करते है, उनके बगैर मुंबई में किराए पर घर मिलना मुश्किल है लेकिन आज वो खुद मुश्किल भारी जिंदगी जीने को मजबूर है.


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