सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ विचार रखने के पक्ष में इतने लोग, न्यूज चैनलों और पोर्टल को लेकर भी सर्वे में खुलासा
CSDS Survey: सरकार या समाज से जुड़े मुद्दों पर अक्सर लोग अपनी राय रखने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेते हैं. इसी को लेकर सीएडडीएस ने सर्वे किया.
CSDS Survey: सेंटर फॉर डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) ने एक राष्ट्रव्यापी सर्वे किया. यह सर्वे मीडिया कंजप्शन बिहेवियर को लेकर किया गया. इसमें पाया गया कि भले ही टेलीविजन ज्यादातर लोगों के लिए कोई खबर के बारे में जानने का सबसे बड़ा जरिया हो, लेकिन न्यूज पेपर और सार्वजनिक प्रसारक दूरदर्शन इन न्यूज चैनलों की तुलना में लोगों के बीच ज्यादा विश्वसनीय हैं. इस सर्वे में सोशल मीडिया पर डाले जाने वाले विचारों को लेकर भी सवाल किए गए.
सर्वे में यह भी पूछा गया कि क्या किसी व्यक्ति को विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए, भले ही वह आपत्तिजनक क्यों न हो. इसपर 26 प्रतिशत ने कहा कि वे पूरी तरह असहमत हैं, जबकि 14 प्रतिशत ने कहा कि वे कुछ हद तक असहमत हैं और 9 प्रतिशत ने पूर्ण पक्ष में बात की, जबकि 15 प्रतिशत ने कहा कि वे कुछ हद तक सहमत हैं.
सरकार के खिलाफ राय व्यक्त करने पर सवाल
इसके अलावा यह भी पूछा गया कि क्या किसी व्यक्ति को सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ राय व्यक्त करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए, चाहे वह कितना भी आपत्तिजनक क्यों न हो. सभी उत्तरदाताओं में से 20 प्रतिशत ने कहा कि वे इस विचार से पूरी तरह असहमत हैं कि सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ राय व्यक्त करने की पूर्ण स्वतंत्रता होनी चाहिए. 16 प्रतिशत ने कहा कि वे कुछ हद तक असहमत हैं और इतनी ही संख्या ने कहा कि वे कुछ हद तक सहमत हैं. वहीं, 11 प्रतिशत पूरी तरह सहमत थे.
बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं समाचार पत्र
रिपोर्ट में कहा गया है कि सोशल मीडिया या व्हाट्सएप पर क्या पोस्ट किया जा सकता है या क्या नहीं, यह निर्धारित करने के सरकार के विचार के पक्ष में सोशल मीडिया यूजर्स के खिलाफ होने की ज्यादा संभावना थी. सर्वेक्षण में यह भी सामने आया कि समाचार पत्रों और टीवी समाचार चैनलों के उपभोक्ताओं की संख्या के बीच का अंतर और ज्यादा बढ़ गया है. न्यूज वेबसाइटों की तुलना में समाचार पत्र बेहतर प्रदर्शन करते हैं.
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