तमिलनाडु: बैंक में KYC के लिए बतौर प्रूफ NPR सर्टिफिकेट की मांग देख घबराए लोग, 3 दिन के भीतर निकाले करीब 4 करोड़ रुपये
बैंक ने लोगों से कहा है कि वह घबराएं नहीं. एनपीआर सिर्फ ऑप्शनल है, अनिवार्य नहीं है. अभी संदेश को इस पूरे इलाके में लाउडस्पीकर के जरिए पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.
तूतीकोरिन: एक और जहां देशभर में सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट, एनआरसी और एनपीआर को लेकर विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं वहीं तमिलनाडु में भी लगातार इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन देखे जा रहे हैं. यहां तक कि सभी विपक्षी पार्टियां राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी AIADMK और केंद्र की बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोले बैठी है.
वहीं तमिलनाडु के तूतीकोरिन में उस वक्त हलचल मच गई जब सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का एक विज्ञापन सामने आया. जिसे देखते ही कयालपट्टीनम गांव में बैचेनी बढ़ गई. विज्ञापन दरअसल 11 जनवरी को एक स्थानीय अखबार में प्रकाशित हुआ था. जिसमें अकाउंट होल्डर्स से जल्द से जल्द KYC कराने के लिए एनपीआर जरूरी डॉक्यूमेंट कहा गया था.
इस विज्ञापन को देखते ही खासकर इस इलाके के मुसलमानों की बैंक के सामने बड़ी लाइन लगनी शुरू हो गयी. दरअसल इस विज्ञापन के साथ ही इस पूरे इलाके में यह अफवाह फैल गई कि इसका संबंध कथित तौर पर सीएए से है. जिसका नतीजा ये हुआ कि बैंक के सामने लंबी कतार लग गई और केवल 3 दिन में जनवरी 20 से 22 के बीच कयालपट्टीनम के लोगों ने बैंक से करीब 4 करोड़ रुपये निकाल लिए. अफवाह से डरे लोगों ने अपने सारे पैसे इस बैंक से निकाल लिए. इस पूरे मामले पर लोगों की बेचैनी को देखते ही बैंक अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया कि एनपीआर बहुत ही संवेदनशील मसला है और यही कारण है कि लोग अचानक से परेशान हो गए.
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