नई दिल्ली: शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन को लेकर अब यहां के लोगों ने भी सुप्रीम कोर्ट में जाने का मन बना लिया है. यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में शाहीन बाग के प्रदर्शन को लेकर सुनवाई चल रही है. यहां के लोगों का कहना है कि दूसरे लोग शाहीन बाग की तरफ से अदालत में तमाम तरह की दलीलें रख रहे हैं. इसकी वजह से कहीं न कहीं कुछ विरोध पैदा हुआ है. यही वजह है कि अब 'पीपल ऑफ शाहीन बाग' ने यह फैसला लिया है कि वे खुद इकट्ठे होकर सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे. इसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के वकील अनस तनवीर सिद्दीकी से बात की है. अनस ही सुप्रीम कोर्ट में शाहीन बाग का पक्ष रखेंगे.
कौन हैं पीपल ऑफ शाहीन बाग?
शाहीन बाग में रहने वाले लोग ही पीपल ऑफ शाहीन बाग के नाम से सुप्रीम कोर्ट में पार्टी बनने जा रहे हैं. शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन में वालंटियर के तौर पर काम कर रहे सोनू वारसी ने बताया, "पिछले कुछ समय से सुप्रीम कोर्ट में शाहीन बाग के प्रदर्शन को लेकर सुनवाई चल रही है. सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में शाहीन बाग के लोगों की तरफ से किसी ने भी अभी तक अपना पक्ष नहीं रखा है. दस फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में जो सुनवाई हुई थी उसमें कई दूसरे संगठनों ने शाहीन बाग की तरफ से खुद को पेश किया और तमाम तरह की दलीलें दीं. जिसकी वजह से कहीं न कहीं शाहिनबाग की जो असली बात है या असली मुद्दा है, वह कोर्ट के सामने अभी तक पेश नहीं किया जा सका है. यही वजह है कि शाहीन बाग में रहने वाले लोगों ने ये फैसला लिया है कि क्यों न पीपल ऑफ शाहीन बाग के नाम से अदालत में पार्टी बनाई जाए."
शुक्रवार तड़के लगभग चार बजे बनी राय
सोनू वारसी का कहना है, "सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने को लेकर गुरुवार देर रात से ही विचार विमर्श चल रहा था. काफी देर की बातचीत के बाद शुक्रवार तड़के चार बजे यह फैसला लिया गया कि सुप्रीम कोर्ट में अब पीपल ऑफ शाहीन बाग के नाम से एक याचिका दायर की जाएगी. इसमें जो याचिकाकर्ता हैं वह यहां प्रदर्शन में शामिल हो रही महिलाएं हैं. इन सभी महिलाओं के हस्ताक्षर लेकर पेटीशन दायर की जाएगी. 17 फरवरी यानी कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. उसी दिन शाहीन बाग की तरफ से भी कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी. जिससे कि सुप्रीम कोर्ट के सामने शाहीन बाग के लोगों की जो सही आवाज है, वह उठ सके और कोर्ट भी सही बात को सुनने के बाद जो भी निर्णय लेना है वह ले सके."
'पुलिस ने सड़क के काफी बड़े हिस्से को बंद कर दिया'
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की बात कहने वाले सोनू वारसी ने दिल्ली पुलिस पर एक बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है, "शाहीन बाग में जिस सड़क पर प्रदर्शन चल रहा है, वहां पर प्रदर्शन करने वाले लोगों ने सड़क के एक छोटे से हिस्से को घेरा हुआ है, जबकि दिल्ली पुलिस ने इस सड़क के काफी बड़े हिस्से को चारों तरफ से बैरिकेड लगा कर बंद कर दिया है. यही कारण है कि इस प्रोटेस्ट को लेकर इस तरह की बात की जा रही है कि प्रदर्शनकारियों ने शाहीन बाग के इस रास्ते को लगभग दस किलोमीटर तक प्रभावित किया है. जबकि हकीकत यह है कि दिल्ली पुलिस ने काफी पहले ही बैरिकेडिंग करके इस पूरे रास्ते को आम लोगों के लिए बंद कर दिया है.''
सोनू ने कहा, ''हम यही बात अदालत के सामने रखेंगे, जिससे कि सुप्रीम कोर्ट के सामने भी यह बात स्पष्ट हो सके कि प्रदर्शनकारियों ने सड़क के एक तरफ के एक छोटे से हिस्से को प्रदर्शन के लिए रोका हुआ है. अगर पुलिस चाहे तो सड़क के दूसरे हिस्से को यातायात के लिए खोल सकती है. इसमें यहां प्रदर्शन करने वाले लोगों को किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं है."
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