मेरठ: लॉकडाउन के चलते इस बार ईद के मौके पर हजारों साल से चली आ रही परंपरा टूट गई. इस बार मस्जिदों में नमाज नहीं पढ़ी गई. मुस्लिम समाज के लोगों ने अपने घरों पर ही ईद की नमाज अदा की. सुरक्षा की दृष्टि से सुबह दिन निकलने से पहले ही शहर के तमाम संवेदनशील इलाकों में फोर्स तैनात रही. नमाज के बाद एडीजी प्रशांत कुमार ने बयान जारी करते हुए प्रशासन का सहयोग देने पर मुस्लिम समाज के लोगों और धर्मगुरुओं का शुक्रिया अदा किया.


बताते चलें कि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते देशभर में लॉकडाउन चल रहा है. इसी के साथ जिले में कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए प्रशासन की ओर से सप्ताह के हर सोमवार और गुरुवार को संपूर्ण लॉकडाउन किया जाता है. आज (सोमवार) ईद का त्यौहार होने के बावजूद इस संपूर्ण लॉकडाउन में प्रशासन की ओर से कोई रियायत नहीं दी गई थी. सुबह चार बजे से पहले ही शहर के तमाम संवेदनशील इलाकों और धार्मिक स्थलों के बाहर फोर्स तैनात कर दी गई. इस दौरान असामाजिक तत्वों से निपटने के लिए एडीजी प्रशांत कुमार सहित तमाम अधिकारी सड़कों पर मुस्तैद रहे.


पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों और मुस्लिम धर्मगुरुओं की ओर से की गई अपील का असर जिले भर में देखने को मिला. मुस्लिम समाज के सभी लोगों ने अपने-अपने घरों पर ही ईद की नमाज अदा की. जिले की मस्जिदों में सिर्फ इमामों और वहां रहने वाले धर्म गुरुओं को ही नमाज अदा करने की इजाजत दी गई. अकीदतमंदों ने अपने घरों में नमाज अदा करते हुए कोरोना की महामारी के अंत के लिए दुआ की.


एडीजी प्रशांत कुमार ने मुस्लिम समाज के सभी लोगों और धर्मगुरुओं का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि सुबह चार बजे से ही पूरे जनपद में फोर्स की ड्यूटी लगा दी गयी थी खासकर धार्मिक स्थानों पर ड्यूटी लगाई गई थी क्योंकि ऐसे मौके पर असामाजिक तत्वों  की ओर से धार्मिक स्थानों से छेड़छाड़ करके माहौल बिगाड़ने की संभावना बनी रहती है.


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