People's Representative act में हुए बदलाव के बाद से किन नेताओं को गंवानी पड़ी है सदस्यता
People's Representative Act: सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के मुताबिक अगर किसी विधायक या सासंद को आपराधिक मामले में 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होती है तो...
People's Representative Act: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम पर टिप्पणी करने के मामले में कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई. हालांकि, उन्हें हाथ के हाथ जमानत भी मिल गई. वहीं, अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या राहुल की सदस्यता रद्द होगी?
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के मुताबिक अगर किसी विधायक या सासंद को आपराधिक मामले में 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होती है तो उसकी सदस्यता पर खतरा मंडरा सकता है. हालांकि, राहुल को एक महीने की मोहलत मिली है. राहुल इस एक महीने के अंदर सेशंस कोर्ट में अपील दायर करेंगे अगर कोर्ट भी सजा सुनाता है तो राहुल की सदस्यता पर खतरा बन सकता है.
वहीं, राहुल पहले नेता नहीं है जिनकी सदस्यता जा सकती है. इससे पहले कई सासंद, विधायक अपनी सदस्यता खो चुके हैं.
आइये पढ़ें हैं कौन हैं वो चेहरे...
आजम खान- समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर के विधायक आजम खान सदस्यता खो चुके हैं. आजम पर पीएम मोदी पर अभद्र टिप्पणी करने का आरोप था. इस मामले में उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई थी.
अब्दुल्ला आजम- आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम भी सदस्यता गवां चुके हैं. एक विशेष अदालत अब्दुल्ला को दो साल की सजा सुनाई थी.
विक्रम सैनी- मुजफ्फरनगर की खतौली से विधायक रहे विक्रम सैनी की भी सदस्यता जा चुकी है. ये दंगे में शामिल होने के मामले में दोषी पाए गए थे.
मोहम्मद फैजल- लक्षद्वीप सांसद फैजल को अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई थी जिस कारण उनकी सदस्यता चली गई. चुनाव आयोग ने लक्षद्वीप लोकसभा पर उपचुनाव करने की अधिसूचना जारी की थी.
ममता देवी- झारखंड की रामगढ़ सीट से विधायक ममता देवी को अयोग्य करार किये जाने से सीट खाली हो गई थी. ममता को अदालत ने 5 साल की सजा सुनाई थी.
यह भी पढ़ें.
वो देश के पीएम, उनको ये शोभा...अपने खिलाफ पोस्टर लगाए जाने पर बोले अरविंद केजरीवाल