पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को कहा कि पंजाब आ रहे सभी लोगों को 14 दिनों तक घर पर अनिवार्य रूप से क्वारंटीन में रहना होगा चाहे वे घरेलू उड़ानों से आएं, ट्रेन से या फिर बसों से. सीएम ने शनिवार को एक फेसबुक लाइव सेशन के दौरान इस बारे में जानकारी दी. देश में संक्रमण से ठीक होने वालों की दर राज्य में सबसे ज्यादा (90 फीसदी) होने के बावजूद उन्होंने किसी तरह के संतोष के भाव से इनकार किया.

मुख्यमंत्री ने अपने लाइव फेसबुक कार्यक्रम ‘आस्क कैप्टन’ में कहा, “राज्य में प्रवेश करने वाले सभी लोगों की जांच राज्य और जिले के सभी एंट्री प्वाइंट पर किये जाने के साथ ही रेलवे स्टेशनों और हवाईअड्डों पर भी की जाएगी. जिन लोगों में लक्षण नजर आएंगे उन्हें संस्थागत क्वारंटीन में भेज दिया जाएगा जबकि अन्य को अनिवार्य रूप से दो हफ्तों तक अपने घर पर क्वारंटीन में रहना होगा.”

किसी भी देश या राज्य के मेडिकल सर्टिफिकेट पर भरोसा नहीं

सिंह ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि रैपिड टेस्ट टीम घर पर क्वारंटीन में रह रहे लोगों की भी जांच करेगी और इस दौरान जिन लोगों में लक्षण नजर आएंगे उन्हें अस्पतालों में व्यापक जांच करवानी होगी.

उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनकी सरकार देश या दुनिया के किसी अन्य हिस्से में जांच के प्रमाणपत्र पर भरोसा नहीं करेगी. उन्होंने पंजाब के पिछले अनुभवों का जिक्र किया जहां महाराष्ट्र और राजस्थान के अलावा हाल में दुबई से आए लोगों के पास निगेटिव होने का मेडिकल सर्टिफिकेट था लेकिन इसके बावजूद वे संक्रमित पाए गए.

केंद्र सरकार के दिशानिर्देश के मुताबिक विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से भारत लौट रहे लोगों को इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन में रहना जरूरी है. मुख्यमंत्री ने बेहद सतर्कता बरते जाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, “हम इस महामारी को पंजाब में और नहीं फैलने दे सकते, जहां अब तक स्थिति शानदार तरीके से नियंत्रण में है.”

पंजाब में सिर्फ 175 एक्टिव मरीज

एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात की संभावना है कि अन्य देशों और राज्यों से आ रहे पंजाबियों से संक्रमण आ रहा हो लेकिन राज्य कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहा और जांच के साथ ही क्वारंटीन के व्यापक इंतजाम किये गए हैं.

उन्होंने कहा कि राज्य में सामने आए कुल 2045 मामलों में से 1870 पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि इलाज करा रहे 200 अन्य मरीज भी जल्द ही ठीक होंगे.

उन्होंने कहा, “किसी मरीज को ऑक्सीजन देने की जरूरत नहीं है और सिर्फ एक मरीज वेंटिलेटर पर है.” राज्य में अब तक संक्रमण से 39 लोगों की जान जा चुकी है.

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