तिरुवनंतपुरम: केरल में बाढ़ का पानी कम होने के बाद बुधवार को नौसेना ने राहत और बचाव अभियानों को विराम दिया है. लोग धीरे-धीरे अब अपने घरों की और लौटने लगे हैं. ज्यादातर घर अब रहने लायक नहीं रह गए. वहीं विदेशी अनुदान को लेकर राजनीतिक बहस छिड़ गई है. राज्य की एलडीएफ सरकार ने कहा कि ऐसी सहायता राशि को स्वीकार किया जाना चाहिए जबकि केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि वह लंबे समय से चली आ रही अपनी नीति के तहत दूसरे मुल्कों से कोई नकद चंदा नहीं स्वीकार करेगी.
केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने बुधवार को कहा कि यूएई की ओर से बाढ़ राहत सहायता के तौर पर केरल को की गई 700 करोड़ रुपए की पेशकश स्वीकार करने में यदि कोई दिक्कत है तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष इस मुद्दे को उठाएंगे और कहेंगे कि वह दिक्कत दूर करें. राज्य सरकार को विपक्ष के गुस्से का भी सामना करना पड़ा जिसने इस ‘मानवजनित त्रासदी ’के लिए उसे दोषी ठहराया है.
पुनर्निर्माण के प्रयास शुरू करते हुए राज्य में पारंपरिक मेलजोल भी पूरे जोरों पर दिखा जहां मस्जिद के दरवाजे परेशान हिंदुओं के लिए खोले गए और मुस्लिम मंदिरों की सफाई करते नजर आए. बाढ़ के कम होते ही पानी से छूटी मिट्टी और कीचड़ से भरे अपने घरों को देखकर ज्यादातर लोगों के चेहरे पर निराशा के भाव नजर आए. अपने घर की हालत देखकर 68 साल के एक बुजुर्ग ने आत्महत्या कर ली. इससे पहले बाढ़ के पानी में अपने प्रमाण-पत्र बर्बाद हो जाने के चलते एक किशोर ने भी आत्महत्या कर ली थी.
अधिकारियों ने बताया कि केरल के कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से विमानों का परिचालन 26 अगस्त की बजाए 29 अगस्त से दोबारा शुरू होगा. पिछले करीब एक हफ्ते से इस हवाईअड्डे पर परिचालन रुका हुआ था. प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य समाप्त होने की कगार पर पहुंचने के साथ ही सरकार ने अपना ध्यान लोगों के पुनर्वास पर केंद्रित कर दिया है. मुख्यमंत्री विजयन ने बताया कि 13.34 लाख लोग अब भी राहत शिविर में मौजूद हैं.
दक्षिणी नौसेना कमान ने बाढ़ प्रभावित केरल में आज 14 दिन का अपना बचाव अभियान बंद कर दिया और कहा कि प्रभावित इलाकों में पानी घटने के कारण लोगों को निकालने के लिए और कोई अनुरोध सामने नहीं आया है. बाढ़ के प्रकोप से धीरे-धीरे उबर रहे केरल में बुधवार को बकरीद बिल्कुल सामान्य ढंग से मनाई गई. राज्यभर में मस्जिदों में सैकड़ों श्रद्धालु कुर्बानी का त्योहार मनाने पहुंचे. उन लोगों के लिए विशेष नमाज अदा की गई जिन्होंने अपनी जान गंवायी है और उनके लिए भी, जो बाढ़ की मार झेल रहे हैं.
राज्य में आठ अगस्त से अब तक वर्षा और बाढ़ जनित घटनाओं में 400 लोगों की मौत हुई है.तमिलनाडु में भी बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए नमाज अदा की गई. कांग्रेस की राज्य इकाई ने उन खबरों को निराशाजनक बताया जिसके मुताबिक केंद्र सरकार नकद में विदेशी चंदा नहीं स्वीकार करेगी. राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला ने एक साथ 40 बांधों से पानी छोड़े जाने की परिस्थितियों के संबंध में एक न्यायिक जांच की मांग की.
मुख्यमंत्री ने भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली का बाढ़ पीड़ितों को याद करने के लिए धन्यवाद किया और कहा कि उनकी सरकार 26 अगस्त को उन सैन्यकर्मियों को सम्मानित करेगी जिन्होंने बचाव अभियान में हिस्सा लिया.