नई दिल्ली: बीजेपी नेताओं का देश में अर्थव्यवस्था की सुस्ती पर विवादास्पद बयान देने का सिलसला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी कड़ी में एक और बीजेपी सांसद का नाम जुड़ गया है. हालांकि इससे पहले भी पिछले साल दिसंबर महीने में उनका बयान विवाद से जुड़ चुका है. ऐसे में उनका हालिया बयान भी लोगों की दुखती रग पर तेल छिड़कने का काम कर रहा है.
धोती-कुर्ता है अमीरी का पैमाना या पैंट-जैकेट ?
बीजेपी सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त का दावा है कि कोट-जैकेट की बिक्री को देखकर नहीं कहा जा सकता है कि देश में मंदी है. उन्होंने कहा कि दुनिया और देश में मंदी का खूब शोर है मगर पारंपरिक परिधान धोती-कुर्ता के बजाए कोट, जैकेट लोग पहन रहे हैं. कपड़ों की बिक्री को देखकर पूछा जा सकता है कि भारत में मंदी कहां है.
वीरेंद्र सिंह मस्त का विवादास्पद बयान उत्तर प्रदेश के बलिया जिले का है. जहां उन्होंने एक जनसभा को संबंधोति करते हुए ये बातें कहीं. पिछले साल दिसंबर महीने में भी उनका ऑटोमोबाइल सेक्टर में सुस्ती पर दिया गया बयान सुर्खियों में रहा था. उन्होंने कहा था कि अगर ऑटोमोबाइल की बिक्री में गिरावट होती तो सड़क पर ट्रैफिक जाम क्यों होता. मस्त ऑोटोमोबाइल की संख्या में भारी कमी को राष्ट्र और सरकार को बदनाम करने की साजिश बता चुके हैं.
कई नेताओं के ऊलजुलूल बयान आ चुके हैं आर्थिक सुस्ती पर
मंदी पर बीजेपी नेताओं की बयानबाजी की कड़ी बहुत बड़ी है. जिनका ना तो अर्थव्यवस्था से कोई वास्ता है और ना ही आम लोगों की जिंदगी में समस्याओं का हल. गाड़ियों की बिक्री में चल रही कमी पर मंत्री निर्मला सीतारमण ओला, उबर को जिम्माद मान चुकी हैं. जिसके बाद लोगों की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली थी. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मंदी को लेकर कह चुके हैं कि जब फिल्में करोड़ों की कमाई कर रही है तो मंंदा कहां है.
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