नई दिल्लीः दिल्ली सरकार के पेट्रोल, डीजल पर वैट घटाने से इनकार करने के विरोध में आज राष्ट्रीय राजधानी के 400 पेट्रोल पंप और उनसे जुड़े सीएनजी पंप बंद रहे. दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (डीपीडीए) ने बंद का एलान किया था. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर पेट्रोल पम्प मालिकों को आप सरकार के खिलाफ हड़ताल पर जाने के लिए ‘‘धमकाने’’ का आरोप लगाया है. झज्जर जिले के बेरी कस्बे में सरकारी स्कूलों का निरीक्षण ओर जनसभा सम्बोधित करने पहुंचे सीएम केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी पेट्रोल पंपों पर छापेमारी का दबाव बना कर हड़ताल करवा रही है. मोदी ने तेल के रेट बढ़ाएं हैं, वही कम करें.


मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार पेट्रोल और डीजल को वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के तहत लाने की मांग करती है. उन्होंने यह भी दावा किया कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा ‘‘मनमाने कर’’ लागू किए जाने के कारण पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़े हैं जबकि लोगों को राहत देने के लिए इनके दाम कम होने चाहिए.


केजरीवाल ने एक ट्वीट में भी कहा, ‘‘पिछले चार सालों में पेट्रोल पर अंधाधुंध कर मोदी जी ने लगाया है, हमने नहीं लगाया. मोदी जी चै घटाएं और जनता को राहत दें. हम मांग करते हैं कि पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए. केंद्र सरकार पेट्रोल डीजल को जीएसटी में क्यों नही ला रही?’’ वहीं केजरीवाल ने रविवार को कहा था कि पेट्रोल पम्प मालिकों ने उन्हें ‘‘निजी’’ तौर पर बताया कि यह हड़ताल बीजेपी द्वारा प्रायोजित है और तेल कंपनियां सक्रियता से इसका समर्थन कर रही हैं.


दरअसल हाल ही में केंद्र सरकार की तरफ से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल, डीजल पर ढाई रुपये की कटौती करने का एलान किया था जिसके तहत डेढ़ रुपये सरकार एक्साइज ड्यूटी घटाई गई थी और 1 रुपये तेल मार्केटिंग कंपनियों को घटाने के आदेश दिए गए थे. इसके बाद बीजेपी शासित कई राज्यों ने अपनी तरफ से ढाई रुपये की कटौती पेट्रोल, डीजल के दामों पर की थी जिसके बाद कई राज्यों में इनके दाम में 5 रुपये तक की कमी आई थी. फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 81.74 रुपये प्रति लीटर और डीजल की 75.19 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई है.


हालांकि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपनी तरफ से पेट्रोल, डीजल के दाम में कोई कटौती नहीं की और दिल्ली वालों को किसी तरह की अतिरिक्त राहत नहीं मिली जिसके विरोध में आज पेट्रोल पंप बंद रहे. इस हड़ताल से जहां आम लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा और लोग अलग-अलग जगह पेट्रोल पंप्स पर भटकते नजर आए.


ऑटो रिक्शा और टैक्सी यूनियनों की भी हड़ताल
वहीं आज ऑटो रिक्शा और टैक्सी यूनियनों की भी हड़ताल रही जिसके चलते लोगों को और ज्यादा दिक्कतें गहुईं. दिल्ली सरकार की नीतियों के खिलाफ सोमवार को ऑटो रिक्शा और टैक्सी यूनियनों ने हड़ताल में जाने का फैसला किया था. इस हड़ताल से राजधानी दिल्ली में यात्रा करने वालों को समस्या का सामना करना पड़ा. ये हड़ताल ऑल इंडिया टूर एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की तरफ से बुलाई गई थी. एसोसिएशन का आरोप है कि सरकार की गलत परिवहन नीतियों और कैब समूहों के कम किराये लेने के चलते ऑटो रिक्शा और टैक्सी चालकों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा.