नई दिल्ली: कोरोना से जारी जंग में सबसे बड़ा हथियार वैक्सीनेशन है. कोशिश है कि तेजी से वैक्सीनेशन का काम पूरा किया जाए लेकिन देश में अब वैक्सीन की कमी और रफ्तार में गिरावट देखने को मिल रही है. 


एक वक्त तेजी से बढ़ता दिख रहा आंकड़ा धीमा होता दिख रहा है. वैक्सीनेशन करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों की मजबूरी है कि उनके पास वैक्सीन का फिक्स कोटा ही मौजूद है. वहीं, दूसरी तरफ लोग इस कमी की जानकारी पहले से नहीं होने के कारण परेशान हो रहे हैं. 


निजी अस्पतालों के टीका खरीदने की पॉलिसी में किया गया बदलाव
वैक्सीन की कमी को देखते हुए सरकार ने वैक्सीनेशन पॉलिसी में बदलाव किया है. जिसके बाद निजी अस्पतालों के सीधे टीका खरीदने पर रोक लगा दी गई है. अब महीने में टीके खरीदने की लिमिट तय होगी. वैक्सीन का ऑर्डर Cowin प्लेटफॉर्म के जरिए ही देना होगा. अस्पताल को हफ्ते के टीकाकरण औसत के आधार पर वैक्सीन मिलेगी. 


देश में गुरुवार को वैक्सीनेशन का आंकड़ा 33 लाख से ज्यादा 
इस कमी के बीच, गुरुवार को देश में 33,18,582 लोगों को वैक्सीनेट किया गया. जिसमें 9,52,665 वैक्सीनेशन के साथ मध्य प्रदेश पहले नंबर पर रहा. राष्ट्रीय राजधानी में अब तक कोविड रोधी टीके की कुल 78,93,609 खुराक दी जा चुकी हैं. बुधवार को करीब 1,46,000 लोगों को टीका खुराक दी गई. इनमें से 1,21,810 को पहली खुराक तथा 24,415 को दूसरी खुराक दी गई.


 


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