Bangladesh: बांग्लादेश में 2 महीने से चल रहे आरक्षण विरोधी आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को सोमवार (5 अगस्त) को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है. उन्होंने इसके बाद देश को छोड़ दिया है. वो ढाका से अगरतला के रास्ते भारत पहुंच गई हैं. 


शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने बयान जारी करते हुए कहा, 'अंतरिम सरकार को हम चलाएंगे, देश को अभी हम चलाएंगे. आंदोलन में जिन लोगों की हत्या हुई है, उन्हें इंसाफ दिया जाएगा.'बांग्लादेश में इस समय हिंसा बढ़ गई है. वहीं, जो भारतीय लोग अभी बांग्लादेश में थे, वो अब अपने देश वापस आ रहे हैं. इस दौरान लोगों के वहां के हालात बताएं हैं. 


लोगों ने बताए बांग्लादेश के हालात


भारत वापस आए सैफुल करीम ने कहा, 'वहां का माहौल बहुत खराब है. बस नहीं चल रहा है और मुझे ऑटो से आना पड़ा है. वहां गोलियां भी चल रही हैं. छात्रों के आंदोलन की वजह से दूकान बंद हैं. कुछ मार्केट्स में सिर्फ एक दो दुकान ही खुली हैं. यहां पर BSF के लोगों ने काफी मदद की है. 


वहीं, निखत ने कहा, 'वो इलाज के लिए ढाका से भारत आई थी. अब वो अपने देश वापस जा रही हैं. सुनने में आ रहा है, वहां के हालात काफी खराब है. लेकिन सब ठीक हो जाएगा. मैं अपने बच्चे को भी छोड़ कर आई हूं. उसकी चिंता है. बच्चे का सोच कर रोने का मन कर रहा है. 


संजीदा ने बांग्लादेश के हालात पर कहा, 'जो भी हुआ है, अच्छा हुआ है. बांग्लादेश की सरकार ने छात्रों पर बहुत ज्यादा जुल्म किया था. उन्होंने जो भी किया है, ठीक ही किया है. अभी तो वहां पर सेना वाहिनी के हाथ में सत्ता गई है. आगे देखते हैं क्या होता है.   


खालिदा जिया को किया गया है रिहा 


पूर्व PM और विपक्षी नेता खालिदा जिया को जेल से छोड़ने का आदेश दे दिया गया है. उन्हें 2018 में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में 17 साल कारावास की सजा सुनाई गई थी।बांग्लादेशी राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने उनकी रिहाई के आदेश जारी किया है. जानकारी के अनुसार, विपक्षी दल के सदस्यों के साथ हुई बैठक के बाद ये फैसला लिया गया है. इस बैठक के बाद बांग्लादेशी राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया को रिहा करने का निर्णय लिया है.