Supreme Court Live Streaming: SC की सुनवाई का सीधा प्रसारण देख सकेंगे लोग, 27 सितंबर से संविधान पीठ के मामलों से होगी शुरुआत
सुप्रीम कोर्ट ने कल ऐतिहासिक फैसला देते हुए कहा कि 27 सितंबर से संविधान पीठ की सुनवाई लाइव होगी. इसका प्रसारण यूट्यूब पर किया जाएगा.
Supreme Court Live Streaming: मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों की बैठक में यह तय किया गया है कि मंगलवार, 27 सितंबर से संविधान पीठ के मामलों का सीधा प्रसारण शुरू किया जाएगा. भारत के मुख्य न्यायाधीश(सीजेआई) यूयू ललित द्वारा मंगलवार शाम बुलाई गई बैठक में यह निर्णय लिया गया. प्राप्त जानकारी के मुताबिक यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया. इससे सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई को लाइव देख पाना जल्द ही संभव होगा. लाइव स्ट्रीमिंग की शुरुआत संविधान पीठ में चल रहे मामलों से होगी. बाद में इसे दूसरे मामलों के लिए भी शुरू किया जाएगा.
2018 में एक मामले की हुई थी लाइव स्ट्रीमिंग
2018 में एक मामले का फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू करने पर सहमति दी थी. तब कोर्ट की रजिस्ट्री को उससे जुड़ी व्यवस्था बनाने को कहा गया था. कोरोना काल में सुप्रीम कोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई तो शुरू की, लेकिन आम लोगों के लिए उसका सीधा प्रसारण नहीं किया गया था. अब कोर्ट के आदेश के 4 साल बाद यह होने जा रहा है.
यूट्यूब पर होगा प्रसारण
शुरूआत में यह प्रसारण यूट्यूब पर किया जाएगा. बाद में सुप्रीम कोर्ट इसके लिए अपनी वेब भी सेवा शुरू करेगा. इससे पहले 26 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन चीफ जस्टिस एन वी रमना को विदाई देने के लिए बैठी सेरेमोनियल बेंच की कार्रवाई का सीधा प्रसारण किया था. अब प्रायोगिक तौर पर संविधान पीठ की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग होगी. बाद में इसका विस्तार दूसरे मामलों के लिए भी किया जा सकता है.
EWS मामले पर हो रही है सुनवाई
फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित की अध्यक्षता में 5 जजों की संविधान पीठ सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ दायर याचिकाओं को सुन रही है. इसके बाद इसी बेंच को आंध्र प्रदेश में पूरे मुस्लिम समुदाय को पिछड़ा वर्ग घोषित कर आरक्षण दिए जाने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करनी है.
कब होगी मामले की सुनवाई
इसके अलावा जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता में भी 27 सितंबर से एक संविधान पीठ बैठेगी. इस बेंच में सबसे पहले वकीलों के एनरोलमेंट से पहले ऑल इंडिया बार एग्जाम की व्यवस्था को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई होगी. इसके बाद 28 सितंबर को बेंच यह मामला सुनेगी कि क्या सुप्रीम कोर्ट को किसी शादी को अपनी तरफ से सीधे रद्द करार देने का (यानी तलाक का) अधिकार है? या फिर उसे निचली अदालत के फैसले के बाद ही अपील सुननी चाहिए?
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