नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी गंभीर अपराध के आरोपी व्यक्ति को अग्रिम जमानत से लोगों का न्याय प्रणाली में भरोसा कम हो सकता है.
अदालत ने एक आपराधिक मामले में सोने के एक कारोबारी की अग्रिम जमानत मंजूर करने से इंकार कर दिया. अदालत ने इस मामले में इंकार करते हुए कहा है कि हिरासत में लेकर पूछताछ से ही मामले से जुड़ी संपत्ति, अन्य लोगों की संलिप्तता, आपराधिक साजिश और मामले से जुड़ी वस्तुएं छिपे होने की जगह के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिलते हैं.
न्यायमूर्ति विनोद गोयल ने कहा कि गंभीर अपराध के आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तारी से पहले ही जमानत पर छोड़ने की अनुमति देने से न केवल जांच प्रक्रिया में हस्तक्षेप होगा, बल्कि इससे नागरिकों का न्याय प्रणाली में भरोसा कम हो सकता है.
अदालत ने आपराधिक विश्वासघात के एक मामले में अग्रिम जमानत मांगने वाले सोना कारोबारी प्रकाश गुप्ता की याचिका खारिज करते हुए ये टिप्पणियां की हैं.