लॉकडाउन से अनलॉक तक लोगों के जीवन स्तर में आई गिरावट: सर्वे
लॉकडाउन की शुरुआत के बाद से ही देश में लोगों के जीवन स्तर में गिरावट आई है. यहां तक कि टीकाकरण की घोषणा करने के बाद भी इसमें गिरावट ही देखी गई. ये बात आईएएनएस सी-वोटर के नेशन 2021 सर्वे में सामने आई है. यह सर्वे देश की 543 लोकसभा क्षेत्रों के 30 हजार से ज्यादा लोगों के बीच किया गया.
नई दिल्लीः कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए देश भर में लगाए गए लॉकडाउन की शुरुआत के बाद से ही देश में लोगों के जीवन स्तर में गिरावट आई है. यहां तक कि टीकाकरण की घोषणा करने के बाद भी इसमें गिरावट ही देखी गई. ये बात राज्यों में किए गए आईएएनएस सी-वोटर के नेशन 2021 सर्वे में सामने आई है. हालांकि, लोगों को उम्मीद है कि अगले एक साल में उनके जीवन स्तर में सुधार होगा.
यह सर्वे देश की 543 लोकसभा क्षेत्रों के 30 हजार से ज्यादा लोगों के बीच किया गया है. इसमें दावा किया गया है कि देशव्यापी लॉकडाउन के पहले चरण के दौरान 39.95 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने महसूस किया कि उनके जीवन में सुधार हुआ है, जबकि 35.15 प्रतिशत लोगों ने महसूस किया कि उनकी स्थिति पहले जैसी बनी हुई है और 24.1 प्रतिशत ने महसूस किया कि उनकी स्थिति खराब हो गई है. वहीं 0.8 प्रतिशत ने अपने जीवन स्तर को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की.
लॉकडाउन के दूसरे चरण में 26.56 प्रतिशत ने माना जीवन स्तर हुआ है खराब सर्वे में कहा गया कि लॉकडाउन के दूसरे चरण में 39.06 प्रतिशत ने महसूस किया कि उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ है, जबकि 33.41 प्रतिशत ने महसूस किया कि उनकी स्थिति पहले जैसी है. वहीं, 26.56 प्रतिशत ने कहा कि उस अवधि में उनका जीवन स्तर खराब हुआ और 0.97 प्रतिशत ने कोई टिप्पणी ही नहीं की.
लॉकडाउन के तीसरे चरण को लेकर किए गए सर्वे में 27.06 प्रतिशत लोगों ने जीवन स्तर में गिरावट की और 38.76 प्रतिशत लोगों ने जीवन स्तर में सुधार की बात कही. वहीं 32.8 प्रतिशत ने जीवन स्तर में बदलाव न होने की बात कही और 1.38 प्रतिशत ने कोई टिप्पणी नहीं की है.
लॉकडाउन के चौथे चरण जीवन स्तर बेहतर मानने वालों की संख्या में आई कमी लॉकडाउन के चौथे चरण में, 27.61 प्रतिशत लोगों ने जीवन स्तर में गिरावट, और 37.85 प्रतिशत ने बेहतरी की बात कही. 33.53 प्रतिशत लोगों को कोई बदलाव महसूस नहीं हुआ और 1.01 फीसदी ने कोई टिप्पणी नहीं की.
सर्वे के अनुसार, अनलॉक 1.0 के दौरान जीवन स्तर को लेकर 30.7 प्रतिशत ने गिरावट और 34.34 प्रतिशत ने बेहतरी की बात कही. वहीं 34.14 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके जीवन स्तर में कोई बदलाव नहीं हुआ है और 0.82 प्रतिशत ने कोई टिप्पणी नहीं की है.
42.69 प्रतिशत लोगों ने कहा बिहार विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद उनकी स्थिति बिगड़ी सर्वे में दावा किया गया है कि सितंबर में बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद लोगों के जीवन स्तर में और गिरावट आई. इसमें कहा गया कि 42.69 प्रतिशत लोगों ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनावों की घोषणा होने पर उनकी स्थिति बिगड़ गई, जबकि 29.3 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ है. वहीं 26.65 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके जीवन स्तर में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद जीवन स्तर में और गिरावट आई. 45.65 प्रतिशत ने जीवन स्तर में गिरावट आने और 26.59 प्रतिशत लोगों ने सुधार की बात कही. वहीं 25.54 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनका जीवन स्तर पहले जैसा ही रहा और 2.22 प्रतिशत लोगों ने कोई टिप्पणी नहीं की.
सर्वे में यह भी कहा गया है कि जब किसानों ने 26 नवंबर को अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया, तो 46.67 प्रतिशत के जीवन स्तर में गिरावट और 25.89 प्रतिशत के जीवन स्तर में सुधार हुआ. 26.04 प्रतिशत ने कहा कि उनका जीवन स्तर पहले जैसा ही रहा.
कोविड-19 टीकाकरण की घोषणा के बाद भी नहीं सुधरी स्थिति जनवरी 2021 में कोविड-19 टीकाकरण की घोषणा के बाद हालत और बिगड़ गए. सर्वे में 24.5 प्रतिशत ने कहा कि उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ है जबकि 45.93 प्रतिशत ने कहा कि उनके जीवन स्तर में गिरावट आई. 27.55 फीसदी लोगों ने कहा कोई बदलाव न होने की बात कही और 2.02 फीसदी लोगों ने कोई टिप्पणी नहीं की.
अब सुधार की है उम्मीद हालांकि, सर्वे में लोगों ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनके जीवन स्तर में और गिरावट आने की बजाय अब सुधार होगा. 40.23 फीसदी लोगों ने कहा कि उनके जीवन स्तर में जनवरी 2021 तक में सुधार होगा, जबकि 15.52 फीसदी लोगों ने कहा कि उनके जीवन स्तर में गिरावट आएगी.
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