अहमदाबाद: खाने-पीने का सामान बनाने वाली पेप्सिको इंडिया गुजरात के आलू किसानों के खिलाफ दायर मुकदमे को वापस लेगी. इन किसानों के खिलाफ कथित रूप से आलू की उस खास किस्म को उपजाने को लेकर मुकदमा दायर किया था जिस पर कंपनी अपने पौध किस्म संरक्षण (प्लांट वेराइटी प्रोटेक्शन-पीवीपी) अधिकार का दावा करती है.


पेप्सिको ने अप्रैल में कुछ किसानों पर आलू की उस किस्म की खेती करने को लेकर मुकदमा दायर किया जिसे विशेष रूप से कंपनी के लोकप्रिय लेज आलू चिप्स के लिये उगाया जाता है. कंपनी के इस निर्णय को लेकर सार्वजनिक स्तर पर काफी विरोध हुआ था.


पेप्सिको इंडिया ने एक बयान में कहा कि सरकार के साथ चर्चा के बाद कंपनी ने किसानों के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेने पर सहमति जतायी है. बयान के अनुसार, ''हम बीज संरक्षण से जुड़े सभी मुद्दों के लंबे समय और सही समाधान के लिए चर्चा पर भरोसा कर रहे हैं.''


बहुराष्ट्रीय कंपनी ने गुजरात के कुल 11 किसानों के खिलाफ मुकदमा दायर किया था. यह मुकदमा आलू की उस खास किस्म के कथित रूप से उपजाने को लेकर किया गया था जिस पर कंपनी पौध किस्म संरक्षण तथा कृषक अधिकार कानून, 2001 के तहत बौद्धिक संपदा अधिकारों के उल्लंघन का दावा कर रही थी.


भारतीय किसान संघ की गुजरात इकाई के अध्यक्ष विट्ठल दूधात्रा ने पेप्सिको के निर्णय को किसानों की जीत बताया. उन्होंने कहा, ''हम निर्णय का स्वागत करते हैं. वास्तव में यह किसानों की जीत है. कई तबकों की तरफ से दबाव के कारण कंपनी झुकी है.''


किसानों का प्रतिनिधित्य कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद यागनिक ने कहा कि पेप्सिको की घोषणा के बारे में अभी अदालत को जानकारी नहीं दी गई है.


किसान हरिभाई पटेल ने कहा, ''कंपनी का मुकदमा वापस लेने का निर्णय सुनकर उन्हें खुशी है. लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि किसानों को भविष्य में इस प्रकार के झूठे मुकदमे का सामना नहीं करना पड़े.'' पटेल साबरकांठा जिले के उन चार किसानों में शामिल हैं जिनके खिलाफ मुकदमा किया गया.


पेप्सिको ने साबरकांठा, अरावली जिलों के नौ किसानों के खिलाफ अहमदाबाद की एक अदालत तथा मोदासा जिला अदालत में मुकदमा किया था. इन किसानों पर आलू की उस किस्म एफसी-5 को उपजाने का आरोप था जिसपर कंपनी पौध किस्म संरक्षण अधिकार का दावा कर रही है. कंपनी ने इसके लिये 20 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की थी.


बयान में कहा गया है, ''कंपनी उन हजारों किसानों के प्रति प्रतिबद्ध है जिसके साथ हम पूरे देश में काम कर रहे हैं.'' कंपनी ने 11 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. इससे पहले, बनासकांठा जिले के दो अन्य किसानों के खिलाफ मुकदमा किया था. मुकदमा गुजरात हाई कोर्ट में लंबित है.


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