एक्सप्लोरर

सेना में महिला अधिकारियों को मिले स्थाई कमीशन, नेतृत्व वाले पद देने पर भी हो विचार- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह साफ हो गया है इस समय सेना के अलग-अलग विभागों में काम कर रहे सभी 1653 महिला अधिकारी स्थाई कमीशन पा सकेंगी.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सेना में महिलाओं की भूमिका को बड़ा करने वाला ऐतिहासिक आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि सेना में सेवा कर रही सभी महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन मिलेगा. यानी वह रिटायरमेंट तक नौकरी कर सकेंगी. साथ ही महिला अधिकारियों को उनकी योग्यता के आधार पर कमांड यानी नेतृत्व वाले पद भी दिए जाएंगे.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह साफ हो गया है इस समय सेना के अलग-अलग विभागों में काम कर रहे सभी 1653 महिला अधिकारी स्थाई कमीशन पा सकेंगी. कोर्ट ने मार्च 2019 के बाद सेवा में 14 साल पूरे करने वाली महिलाओं को ही स्थाई कमीशन देने की नीति को गलत करार दिया है. कहा है, ''दिल्ली हाई कोर्ट ने 2010 में इस बारे में फैसला दिया था. फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी कभी रोक नहीं लगाई. ऐसे में, अगर सरकार को नीति बनाने में 9 साल लग गए तो इसका नुकसान किसी महिला अधिकारी को नहीं होने दिया जा सकता है. महिलाओं ने सेना में भले ही 14 साल से ज्यादा काम कर लिया हो, उन्हें स्थाई कमीशन देने से वंचित नहीं किया जा सकता. उन्हें इसके साथ ज़रूरी पदोन्नति और दूसरे लाभ मिलें.''

क्या है मसला

12 मार्च 2010 को हाई कोर्ट ने शार्ट सर्विस कमीशन के तहत सेना में आने वाली महिलाओं को सेवा में 14 साल पूरे करने पर पुरुषों की तरह स्थायी कमीशन देने का आदेश दिया था. रक्षा मंत्रालय इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट आ गया. सुप्रीम कोर्ट ने अपील को सुनवाई के लिए स्वीकार तो कर लिया, लेकिन हाई कोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाई. सुनवाई के दौरान कोर्ट का रवैया महिला अधिकारियों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण रहा.

आखिरकार, हाई कोर्ट के फैसले के 9 साल बाद सरकार ने फरवरी 2019 में 10 विभागों में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने की नीति बनाई. लेकिन यह कह दिया कि इसका लाभ मार्च 2019 के बाद से सेवा में आने वाली महिला अधिकारियों को ही मिलेगा. इस तरह वह महिलाएं स्थाई कमीशन पाने से वंचित रह गईं जिन्होंने इस मसले पर लंबे अरसे तक कानूनी लड़ाई लड़ी.

कमांड पर भी आया आदेश

महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने की नई नीति में एक और बड़ी कमी थी कि उनको सिर्फ स्टाफ अपॉइंटमेंट में पद देने की बात कही गई थी. मतलब उन्हें सिर्फ प्रशासनिक और व्यवस्था से जुड़े पद मिल सकते थे. आज सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि महिलाओं को उनकी योग्यता के आधार पर क्राइटेरिया अपॉइंटमेंट और कमांड अपॉइंटमेंट भी दिए जाने चाहिए. कमांड अपॉइंटमेंट का मतलब होता है किसी विभाग का नेतृत्व करने वाला पद. जबकि, क्राइटेरिया अपॉइंटमेंट वैसे पद होते हैं जहां सीधे कमांड तो नहीं मिलती, लेकिन बहुत सी ऐसी जिम्मेदारियां मिलती हैं जिनमें नेतृत्व क्षमता साबित कर पाने का मौका मिलता है.

कमांड पर सरकार के तर्क खारिज

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि सेना में ज़्यादातर ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले जवान महिला अधिकारियों से कमांड लेने को लेकर बहुत सहज नजर नहीं आते. महिलाओं की शारीरिक स्थिति, परिवारिक दायित्व, मातृत्व जैसी बहुत सी बातें उन्हें कमांडिंग अफसर बनाने में बाधक हैं.

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा- “इस तरह की दलील पुरानी सोच का नतीजा है. हमें मानसिकता बदलनी होगी। महिलाओं में बहुत क्षमता होती है. उन्हें नेतृत्व से वंचित नहीं किया जा सकता. महिला की योग्यता के आधार पर उसे क्राइटेरिया और कमांड अपॉइंटमेंट देने पर भी विचार किया जाए.“

महिलाओं को लड़ाई में भेजने का मामला नहीं

फरवरी 2019 में सरकार ने सेना के इन 10 विभागों में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने की नीति बनाई थी- जज एडवोकेट जनरल, आर्मी एजुकेशन कोर, सिग्नल, इंजीनियर्स, आर्मी एविएशन, आर्मी एयर डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स-मेकेनिकल इंजीनियरिंग, आर्मी सर्विस कोर, आर्मी ऑर्डिनेंस और इंटेलिजेंस.

इनमें से कोई भी सीधे लड़ाई में हिस्सा लेने वाला विभाग नहीं है. दिल्ली हाई कोर्ट ने भी सिर्फ उन्हीं विभागों में स्थायी कमीशन का आदेश दिया था, जिनमें शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत महिलाओं की भर्ती होती है. सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने फैसले में कहा है, “न तो हाई कोर्ट ने कॉम्बैट विंग में महिलाओं को पद देने को लेकर कोई आदेश दिया था, न ही हमारे पास आने वाली महिला अधिकारियों ने यह मांग रखी. इसलिए, इस विषय पर हम कुछ नहीं कहना चाहते। सरकार चाहे तो भविष्य में अपनी तरफ से इस पर भी नीति बना सकती है.''

यह भी पढें- सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा HC का आदेश, सेना में सभी महिलाओं को मिलेगा स्थायी कमीशन कब से शुरू होगा IPL 2020, किन दो टीमों के बीच खेला जाएगा पहला मैच, जानिए सबकुछ
और देखें
Advertisement

IPL Auction 2025

Most Expensive Players In The Squad
Virat Kohli
₹21 CR
Josh Hazlewood
₹12.50 CR
Phil Salt
₹11.50 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rishabh Pant
₹27 CR
Nicholas Pooran
₹21 CR
Ravi Bishnoi
₹11 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Jasprit Bumrah
₹18 CR
Suryakumar Yadav
₹16.35 CR
Hardik Pandya
₹16.35 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Heinrich Klaasen
₹23 CR
Pat Cummins
₹18 CR
Abhishek Sharma
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Ruturaj Gaikwad
₹18 CR
Ravindra Jadeja
₹18 CR
Matheesha Pathirana
₹13 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Shreyas Iyer
₹26.75 CR
Arshdeep Singh
₹18 CR
Yuzvendra Chahal
₹18 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Sanju Samson
₹18 CR
Yashaswi Jaiswal
₹18 CR
Riyan Parag
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Venkatesh Iyer
₹23.75 CR
Rinku Singh
₹13 CR
Varun Chakaravarthy
₹12 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rashid Khan
₹18 CR
Shubman Gill
₹16.50 CR
Jos Buttler
₹15.75 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Axar Patel
₹16.50 CR
KL Rahul
₹14 CR
Kuldeep Yadav
₹13.25 CR
View all
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के पीछे बांग्लादेशी सेना और आतंकवादी ताकतें', VHP ने उठाई ये मांग
'हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के पीछे बांग्लादेशी सेना और आतंकवादी ताकतें', VHP ने उठाई ये मांग
इस सत्र में नहीं पास होगा वक्फ संशोधन बिल, अगले सत्र तक बढ़ेगा संसदीय समिति का कार्यकाल
इस सत्र में नहीं पास होगा वक्फ संशोधन बिल, अगले सत्र तक बढ़ेगा संसदीय समिति का कार्यकाल
संभल हिंसा पर बोले वकील- पूर्व नियोजित थी हिंसा, दूसरा सर्वे ‘एडवोकेट कमिश्नर’ के आदेश पर हुआ
संभल हिंसा पर बोले वकील- पूर्व नियोजित थी हिंसा, दूसरा सर्वे ‘एडवोकेट कमिश्नर’ के आदेश पर हुआ
राजकुमार की शादी में हुआ था अनोखा काम, पत्रलेखा ने एक्टर की मांग में भरा था सिंदूर, जानें वजह
शादी में पत्रलेखा ने भरा था राजकुमार राव की मांग में सिंदूर, ये है वजह
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

कम सीटें या अजित पवार, बीजेपी के सामने सरेंडर क्यों हो गए शिंदे?शिंदे का सरेंडर, फिर भी सीएम पर सस्पेंस, PM मोदी के मन में क्या है?Normal PAN, e-PAN, या PAN 2.0: कौन सा आपके लिए सही है? | Paisa LiveMera Balam Thanedar: OMG! बुलबुल बनी under-cover agent, चोरी हुए हार का कैसे पता लगाएगी बुलबुल?

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के पीछे बांग्लादेशी सेना और आतंकवादी ताकतें', VHP ने उठाई ये मांग
'हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के पीछे बांग्लादेशी सेना और आतंकवादी ताकतें', VHP ने उठाई ये मांग
इस सत्र में नहीं पास होगा वक्फ संशोधन बिल, अगले सत्र तक बढ़ेगा संसदीय समिति का कार्यकाल
इस सत्र में नहीं पास होगा वक्फ संशोधन बिल, अगले सत्र तक बढ़ेगा संसदीय समिति का कार्यकाल
संभल हिंसा पर बोले वकील- पूर्व नियोजित थी हिंसा, दूसरा सर्वे ‘एडवोकेट कमिश्नर’ के आदेश पर हुआ
संभल हिंसा पर बोले वकील- पूर्व नियोजित थी हिंसा, दूसरा सर्वे ‘एडवोकेट कमिश्नर’ के आदेश पर हुआ
राजकुमार की शादी में हुआ था अनोखा काम, पत्रलेखा ने एक्टर की मांग में भरा था सिंदूर, जानें वजह
शादी में पत्रलेखा ने भरा था राजकुमार राव की मांग में सिंदूर, ये है वजह
मुसीबत में फंसा इंडियन तो पाकिस्तानी छात्र ने की मदद! ईरान से वायरल हो रहा खूबसूरत वीडियो
मुसीबत में फंसा इंडियन तो पाकिस्तानी छात्र ने की मदद! ईरान से वायरल हो रहा खूबसूरत वीडियो
कैसे बनाएं अपना मंथली बजट, जानें स्मार्ट फाइनेंशियल प्लानिंग के टिप्स
कैसे बनाएं अपना मंथली बजट, जानें स्मार्ट फाइनेंशियल प्लानिंग के टिप्स
पीएम किसान योजना का फायदा लेने के लिए जरूर कर लें ये काम, नहीं तो अटक जाएगी आपकी अगली किस्त
पीएम किसान योजना का फायदा लेने के लिए जरूर कर लें ये काम, नहीं तो अटक जाएगी आपकी अगली किस्त
Exclusive: एक कैंप से दूसरे कैंप जाने वाला भारत नहीं, एक मजबूत भारत चाहिए, बोले- डेनमार्क के राजदूत
Exclusive: एक कैंप से दूसरे कैंप जाने वाला भारत नहीं, एक मजबूत भारत चाहिए, बोले- डेनमार्क के राजदूत
Embed widget