नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार रक्षा मंत्रालय ने गुरूवार को सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने की मंजूरी देते हुए नोटिफिकेशन जारी कर दिया. इसके तहत‌ अब सेना की दस (10) कॉम्बेट-सपोर्ट आर्म्स में स्थायी कमीशन मिल सकेगा यानि वे 20 साल से ज्यादा तक अपनी सेवाएं दे सकेंगी और कर्नल रैंक तक पहुंचकर यूनिट की कमान भी संभाल सकती हैं.


भारतीय सेना के प्रवक्ता, कर्नल अमन आनंद के मुताबिक, इस वक्त जो अस्थायी कमीशन प्राप्त महिलाएं सेना में कार्यरत हैं, उनके लिए एक बोर्ड स्थापित किया जा रहा है. इस बोर्ड का इंटरव्यू पास करके शॉर्ट सर्विस कमीशन से सेना में चुनी गई महिलाएं स्थायी कमीशन प्राप्त कर सकेंगी. रक्षा मंत्रालय की नई अधिसूचना के तहत थलसेना की दस विंग ऐसी हैं जिनमें अब महिलाएं स्थायी कमीशन प्राप्त कर सकेंगी.




  1. आर्मी एयर डिफेंस (एएडी)

  2. सिग्नल्स कोर

  3. इंजीनियर्स रेजीमेंट

  4. आर्मी एविएशन कोर

  5. ईएमई

  6. एएससी (आर्मी सर्विस कोर)

  7. ऑर्डनेंस कोर

  8. इंटेलीजेंस कोर

  9. जज एडवोकेट जनरल (लीगल ब्रांच--इस ब्रांच में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले ही महिलाओं को परमानेंट कमीशन मिला हुआ था)

  10. एजुकेशन कोर (इसमें भी पहले से था)


मेडिकल और नर्सिंग कोर में महिलाओं को 90 के दशक में ही स्थायी कमीशन मिल गया था. बता दें कि सेना में स्थायी कमीशन के लिए कुछ महिला सैन्य अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इसके बाद कोर्ट ने शॉर्ट सर्विस कमीशन से सेना में चुनी गई महिलाओं को स्थायी कमीशन देना का आदेश दिया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सेना पर छोड़ दिया गया था कि किन-किन कोर और विंग में महिलाओं को परमानेंट कमीशन दिया जा सकता है.


सेना ने अब महिलाओं को कॉम्बेट-आर्म्स यानि इंफेंट्री, आर्मर्ड (टैंक), आर्टलरी (तोपखाना) और मैकेनाइज्ड इंफेंट्री को छोड़कर महिलाओं को अधिकतर विंग्स में स्थायी कमीशन दे दिया है. यानि महिलाएं एविएशन, एयर-डिफेंस, सिग्नल्स, इंटेलीजेंस आदि में कर्नल  औ उसके ऊपर रैंक) तो जा सकती हैं और अपनी यूनिट को कमांड यानि कमांडिंग ऑफिसर के तौर पर कमान भी संभाल सकती हैं, लेकिन अभी भी सीधे युद्ध के मैदान में नहीं जा सकेंगी. कॉम्बेट रोल अभी भी उनसे दूर रहेगा. महिलाएं सेना में सपोर्ट-आर्म्स में रहेंगी.


रक्षा मंत्रालय ने जो नया नोटिफिकेशन जारी किया है वो अधिकारी स्तर की महिलाओं के लिए है. जवान यानि एनसीओ और जेसीओ रैंक के लिए महिलाओं अभी सिर्फ सेना की पुलिस कोर (कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस) में ही भर्ती हो सकती हैं.


गौरतलब है कि वायुसेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन के साथ साथ कॉम्बेट रोल भी मिल चुका है और वे फाइटर जेट्स भी उड़ा सकती हैं. कोर्ट के आदेश पर महिलाओं को नौसेना में भी स्थायी कमीशन मिल चुका है लेकिन वॉरशिप यानि युद्धपोत पर तैनात होने की इजाजत अभी तक नहीं मिल पाई है. हालांकिं, नौसेना में महिलाएं पायलट से लेकर एयरक्राफ्ट में वैपनरी-ऑफिसर यानि मिसाइल दागने की भूमिका निभा रही हैं.


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