(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
छत्तीसगढ़ में इस शख्स ने गोबर बेचकर की 1 लाख रुपये की कमाई, जानें किस स्कीम के तहत मिला ये फायदा
छत्तीसगढ़ में लोगों के द्वारा इन दिनों गोधन न्याय योजना का भरपूर फायदा उठाया जा रहा है. दंतेवाड़ा के रहने वाले एक शख्स ने इस योजना के तहत गाय का गोबर बेचकर एक लाख रुपये से अधिक का मुनाफा कमाया है, जिसके बाद शख्स की खूब चर्चा हो रही है.
छत्तीसगढ़ में लोगों के द्वारा इन दिनों गोधन न्याय योजना का भरपूर फायदा उठाया जा रहा है. दंतेवाड़ा के रहने वाले एक शख्स ने इस योजना के तहत गाय का गोबर बेचकर एक लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी कमाई है, जिसके बाद शख्स की खूब चर्चा हो रही है.
शख्स ने 8 महीने में ही गोबर बेचकर 1 लाख रुपये की कमाई कर ली. इसके अलावा, उसने अपने लिए एक बाइक भी खरीद ली है. शख्स ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया है. शख्स ने कहा, "इस योजना का मुझे भरपूर फायदा मिला है और इसके लिए मैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देना चाहता हूं."
मुख्यमंत्री ने योजना के बारे में दी ये जानकारी
इससे पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि गोधन न्याय योजना के तहत अब तक गौ पालकों को 64 करोड़ 20 लाख रुपये दिए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि इन योजना के तहत अब लोगों की आर्थिक स्थिति में भी बदलाव देखने को मिल रहा है. गोधन न्याय योजना के तहत हज़ारों ग्रामीण महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन का काम भी कर रही हैं. सीएम ने कहा कि इससे जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा और अनाज और फलों की कीमत में भी वृद्धि होगी.
पशुपालकों को आर्थिक लाभ पहुंचाने की योजना
भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना का उद्देश्य प्रदेश में गौपालन को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी सुरक्षा और उसके माध्यम से पशुपालकों को आर्थिक रूप से लाभ पहुंचाना है. सीएम ने बताया कि डेढ़ सालों में छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी के माध्यम से राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने चारों चिन्हारियों को बढ़ावा देने का प्रयास किया है. गांवों में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौठानों का निर्माण किया गया है. राज्य के 2200 गांवों में गौठानों का निर्माण हो चुका है और 2800 गांवों में गौठानों का निर्माण किया जा रहा है. आने वाले दो-तीन महीने में लगभग 5 हजार गांवों में गौठान बन जाएंगे. इन गौठानों को हम आजीविका केन्द्र के रूप में विकसित कर रहे हैं. यहां बड़ी मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण भी महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से शुरू किया गया है.
पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने साधा निशाना
वहीं, हाल ही में पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने इस परियोजना को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. उन्होंने कहा, "ऐसे कामों से युवाओं को दूर रहना चाहिए और पढ़ाई में मन लगाना चाहिए." उन्होंने आगे कहा, "प्रदेश सरकार बेहतर शिक्षा ना देकर युवाओं से गाय-गोबर इकट्ठा करा रही है."
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