Pervez Musharraf Death: भारत के खिलाफ तीन युद्ध लड़े मुशर्रफ, करगिल पर कब्जा नहीं कर पाए तो PM नवाज शरीफ को दिया दोष
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में दूसरा युद्ध हुआ और इस बार वॉर में परवेज मुशर्रफ की महत्वूपर्ण भूमिका रही. 1965 से लेकर 1972 तक मुशर्रफ ने कुलीन विशेष सेवा समूह (SSG) में अपनी सेवाएं दी.
Pervez Musharraf War With India: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का रविवार (5 फरवरी) को दुबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान आर्मी के चीफ भी रहे थे. उन्होंने भारत के खिलाफ तीन युद्ध लड़े थे. करगिल युद्ध को भड़काने में मुशर्रफ का बहुत बड़ा योगदान था. इसी के साथ उन्होंने साल 1999 में सैन्य तख्तापलट कर लोकतात्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को गिरा दिया था. उन्होंने अपने 9 साल के शासन में खुद एक प्रगतिशील नेता के रूप में स्थापित करने की कोशिश की थी. चलिए अब आपको उन तीन युद्धों के बारे में बताते हैं जो उन्हें भारत के खिलाफ लड़े थे.
1965 का भारत-पाक युद्ध
परवेज मुशर्रफ ने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में एक युवा अधिकारी के रूप में लड़ाई लड़ी. ये युद्ध पाकिस्तान हार गया था. इसके बावजूद पाकिस्तान की सरकार ने मुशर्रफ को इम्तियाजी मेडल देकर सम्मानित किया था. 1965 में मुशर्रफ ने खेमकरण सेक्टर में तोपखाना रेजिमेंट के साथ जंग के दांव पेंच सीखे थे.
1971 की वॉर में मुशर्रफ की भूमिका
इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में फिर युद्ध हुआ और इस बार वॉर में परवेज मुशर्रफ की महत्वूपर्ण भूमिका रही. 1965 से लेकर 1972 तक मुशर्रफ ने कुलीन विशेष सेवा समूह (SSG) में अपनी सेवाएं दीं. 71 की जंग में उनकी भूमिका को देखते हुए पाकिस्तान सरकार ने फिर से प्रमोशन दिया. भारत के साथ 1971 के युद्ध के दौरान, वह एसएसजी कमांडो बटालियन के कंपनी कमांडर थे. हालांकि, पाकिस्तान को इस युद्ध में भी हार का सामना करना पड़ा था.
मुशर्रफ का लगातार मिला प्रमोशन
ऐसे ही धीरे-धीरे परवेज मुशर्रफ जनरल के पद तक पहुंचे और उन्हें 7 अक्टूबर, 1998 को तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त किया. मुशर्रफ को 9 अप्रैल, 1999 को अध्यक्ष संयुक्त चीफ्स स्टाफ कमेटी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था.
करगिल पर कब्जा करने का था सपना
ये वही समय था जब परवेज मुशर्रफ ने भारत के खिलाफ करगिल की साजिश रची थी, लेकिन वो बुरी तरह से असफल रहे. जब वो करगिल पर कब्जा नहीं कर सके तो इसके लिए नवाज शरीफ को दोषी ठहराया. अपनी जीवनी 'इन द लाइन ऑफ फायर-अ मेमॉयर' में जनरल मुशर्रफ ने लिखा कि उन्होंने करगिल पर कब्जा करने की कसम खाई थी, लेकिन नवाज शरीफ की वजह से वो ऐसा नहीं कर पाए.
साफ मुकर गए थे नवाज शरीफ
गौरतलब है कि करगिल में मिली करारी हार के बाद पाकिस्तान के राष्ट्रपति नवाज शरीफ ने कहा था कि ऑपरेशन उनकी जानकारी के बिना किया गया था. हालांकि, करगिल ऑपरेशन से पहले और बाद में उन्हें सेना से मिली ब्रीफिंग का ब्योरा सार्वजनिक हो गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑपरेशन से पहले जनवरी और मार्च के बीच, शरीफ को तीन अलग-अलग बैठकों में ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी गई थी.