Pervez Musharraf: इंडिया में जिस जमीन का पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष और राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (अब दुनिया में नहीं हैं) से कथित तौर पर नाता निकला है, उसकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो गई है. यह प्रक्रिया पांच सितंबर, 2024 तक चलेगी. पूर्व राष्ट्रपति के परिवार के लोगों के नाम दर्ज शत्रु संपत्ति को उत्तर प्रदेश (यूपी) के बागपत स्थित कोताना गांव में नीलाम किया जाएगा. प्रशासन का कहना है कि शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज लगभग दो हेक्टेयर भूमि कोताना के नुरू की थी, जो साल 1965 में पाकिस्तान चले गए थे. अब इस भूमि को जल्द नीलाम किया जाएगा.


जमीन को यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने बेचने का फैसला किया है, जिसके लिए बोली लगाई जाएगी. यूपी सरकार भारत सरकार के आदेश पर शत्रु संपत्ति नियम के तहत यह कार्रवाई कर रही है. जमीन की नीलामी की प्रक्रिया पांच सितंबर, 2024 तक चलेगी. पांच सितंबर तक जमीन को नीलाम कर उसको खरीदने वाले मालिक के नाम कर दिया जाएगा.


परवेज मुशर्रफ को लेकर क्या बोले ADM?


एबीपी न्यूज की ओर से जब एडीएम से बात की गई तो पता चला, "कोताना में शत्रु संपत्ति के आठ प्लाट हैं, जिसका क्षेत्रफल दो हेक्टेयर है. साल 2010 में इसे शत्रु संपत्ति घोषित किया गया था. यह भूमि राजस्व अभिलेखों में नूरू नाम के शख्स के नाम दर्ज है, जो कोताना गांव का रहने वाला था. वह साल 1965 में पाकिस्तान चला गया था. परवेज मुशर्रफ के नाम राजस्व रिकॉर्ड में कोई जमीन हमारे यहां दर्ज नहीं है. नूरू के नाम की शत्रु संपत्ति को नीलामी की प्रक्रिया पांच सितंबर को होगी." 


बागपत में रहा PAK के पूर्व राष्ट्रपति का परिवार 


इस बीच, गांव के लोगों ने बताया कि परवेज मुशर्रफ के स्वजन नूरू भी थे, जो पाकिस्तान बनने के बाद भी 18 साल तक कोताना में में ही रहे थे और फिर वे 1965 में पाकिस्तान चले गए थे. गांव के लोगों की मानें तो पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति का परिवार बागपत के कोताना गांव में रहता था. उनका परिवार बंटवारे के समय पाकिस्तान चला गया था, जबकि परिवार की जमीन और हवेली यहीं पर रह गई थी. परवेज मुशर्रफ के पिता मुशर्रफुद्दीन और माता बेगम जरीन कोताना गांव के थे. दोनों की यहीं शादी हुई थी. वे 1943 में दिल्ली जाकर रहने लगे थे. दिल्ली में ही परवेज मुशर्रफ और उनके भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ का जन्म हुआ था. बंटवारे के समय उनका परिवार पाकिस्तान चला गया था. 


कोताना में है परवेज मुशर्रफ की प्रॉपर्टी


परवेज मुशर्रफ के परिवार की दिल्ली के अलावा कोताना में हवेली और खेती की जमीन है, जिसमें परवेज मुशर्रफ की जमीन को बेच दिया गया था. इसके बाद उनके भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ और परिवार के सदस्यों की 13 बीघा से ज्यादा खेती की जमीन बच गई थी.  कोताना की हवेली उनके चचेरे भाई हुमायूं के नाम दर्ज हो गई थी. 15 साल पहले परवेज मुशर्रफ के भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ के साथ परिवार के अन्य सदस्यों की जमीन को शत्रु संपत्ति में दर्ज कर दिया गया था. (राजीव कौशिक के इनपुट के साथ)