Afghanistan Crisis: तमाल भट्टाचार्य (भारतीय नागरिक) के खिलाफ एक लिखित याचिका दायर की गई है, जिनको हाल ही में अफगानिस्तान से निकाला था और तालिबान को 'अच्छा खाना' और 'क्रिकेट खेलने' के लिए प्रशंसा की थी. तालिबान आतंकवादियों की सराहना करते हुए उनके व्यथित करने वाले शब्द बहुत ही चिंताजनक हैं. गृह मंत्रालय के शिकायत प्रकोष्ठ को याचिका मिली है. कोलकाता के एक व्यक्ति ने यह याचिका गृह मंत्रालय को सौंपी है.
तमाल उन 10 बंगालियों में शामिल थे, जिन्हें भारत सरकार ने शनिवार रात अफगानिस्तान के हामिद करजई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से सफलतापूर्वक निकाला. तमाल भट्टाचार्य ने दावा किया कि वह अफगानिस्तान छोड़कर मौत से 'बच गए' लेकिन 'भरोसेमंद' होने के लिए तालिबान की भी प्रशंसा की.
जानिए क्या है तमाल भट्टाचार्य की कहानी
जब से तालिबान ने देश पर कब्जा किया है तब से तमाल अफगानिस्तान में फंसा हुआ था. वह इस साल मार्च से काबुल के एक आर्मी स्कूल (कर्दन इंटरनेशनल स्कूल) में भौतिकी और रसायन विज्ञान के शिक्षक के रूप में काम कर रहा था. प्रशिक्षण से मैकेनिकल इंजीनियर तमाल अपने स्कूल के स्टाफ क्वार्टर में रह रहा था. हालांकि, तालिबान के काबुल शहर पर कब्जा करने के बाद उन्हें खुद को प्रिंसिपल के आवास के अंदर बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा.
उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने भारतीय दूतावास से संपर्क किया और कई प्रयासों के बावजूद हामिद करजई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक नहीं पहुंच सके. तमाल को 10 अन्य बंगाली निवासियों के साथ भारतीय वायु सेना (IAF) के वाहक द्वारा निकाला गया था. वह शनिवार देर रात फ्लाइट में सवार हुए और रविवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे. उसी दिन वह नई दिल्ली से फ्लाइट से कोलकाता लौटे. तमाल, जिसे भारत सरकार ने सफलतापूर्वक बचाया था, ने घर पहुंचने के बाद तालिबान की प्रशंसा की.
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