नई दिल्ली: महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनने की खबरें तेज हैं. इसी बीच महाराष्ट्र में इन तीनों पार्टियों के हुए गठबंधन के खिलाफ देश की सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर कर दी गई है. याचिका में कहा गया है कि महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच चुनाव बाद गठबंधन को सत्ता हासिल करने के लिए किया गया है जो कि मतदाताओं से की गई धोखेबाजी है.


इस याचिका की अगले कुछ दिनों में सुनवाई होने की उम्मीद है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली शिवसेना के रुख में बदलाव कुछ और नहीं बल्कि प्रदेश की जनता के साथ एक विश्वासघात है. प्रमोद पंडित जोशी की तरफ से दायर जनहित याचिका में केंद्र और राज्य को यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि वो शिवसेना, कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की तरफ से आने वाले मुख्यमंत्री की नियुक्त करने से बचें.


वहीं अधिवक्ता बरुन कुमार सिन्हा द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया है कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस का यह गठबंधन अनैतिक और सरकार बनाने के लिये दावे की संवैधानिक योजनाओं के खिलाफ है. याचिका में कहा गया कि दो या अन्य राजनीतिक दलों के बीच चुनाव बाद गठबंधन संविधान के तहत मान्य नहीं है यह गठबंधन जनादेश का अपमान है.


इससे पहले राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा केंद्र को भेजी गई उस रिपोर्ट के बाद प्रदेश में मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके द्वारा तमाम प्रयास करने के बावजूद राज्य में मौजूदा स्थिति को देखते हुए स्थिर सरकार का गठन असंभव है.


ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र: सरकार का ड्राफ्ट तैयार, शिवसेना का सीएम, कांग्रेस-एनसीपी का ढाई-ढाई साल डिप्टी सीएम- सूत्र