Gyanvapi Mosque Verdict: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी (Varanasi) में ज्ञानवापी (Gyanvapi) और श्रंगार गौरी (Shrangar Gauri) मामले पर जिला अदालत (District Court) ने अपना फैसला सुना दिया है. अदालत ने मामले की सुनवाई को हरी झंडी दे दी है. फैसला सुनाते हुए जिला जज एके विश्वेश (AK Vishvesh) की सिंगल बेंच ने कहा है कि मामला सुनवाई योग्य है. उन्होंने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि ज्ञानवापी में मिले सबूतों को आधार माना है.


मामला हिंदू पक्ष में आने के बाद याचिकाकर्ता महिलाओं में जोश देखा गया. कोर्ट के बाहर मीडिया से बात करते हुए एक महिला याचिकाकर्ता ने अपनी खुशी का इजहार करते हुए कहा कि आज पूरा भारत खुश है. आज हम बस यही कहना चाहते हैं कि हमारे सभी हिंदू भाई बहन घरों में दिए जलाएं, ढोल नगाड़े बजाएं और हर हर महादेव का नारा लगाएं. उन्होंने हिंदू पक्ष के लिए बहुत बड़ी जीत बताते हुए कहा कि ये ज्ञानवापी मंदिर की आधारशिला है.






मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज की


अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है. अदालत ने कहा है कि अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को की जाएगी. मुस्लिम पक्ष अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा. वाराणसी की जिला अदालत के फैसले के बाद यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा है कि अदालत ने बहुत अच्छा निर्णय दिया है. ये निर्णय लोगों की भावनाओं के अनरूप है इसीलिए प्रदेश भर में खुशी की लहर है.


क्या था मामला?


18 अगस्त 2021 को विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन (Jitendra Singh Visen) के नेतृत्व में राखी सिंह (Rakhi Singh) सहित पांच महिलाओं ने सिविल जज (Civil Judge) सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर (Ravi Kumar Diwakar) के कोर्ट में एक मुकदमा दाखिल किया. मुकदमे में पांचों महिलाओं ने मांग की थी कि ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Area) स्थित मां श्रृंगार गौरी (Shrangar Gauri Temple) के मंदिर में नियमित दर्शन पूजन की अनुमति मिले. इस याचिका पर 23 अगस्त की सुनवाई में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट (Court) ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.


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