पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 11वें दिन भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी, कांग्रेस बोली- अब तो बीजेपी डींग हांकना बंद करे
पेट्रोल डीजल के दाम: दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और मुंबई में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई. आर्थिक राजधानी मुंबई में एक लीटर पेट्रोल 86 रुपये 72 पैसे प्रति लीटर और डीजल 75 रुपये 74 पैसे प्रति लीटर की दर से बिक रहा है.
नई दिल्ली: बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतों की मार आम लोगों पर जारी है. आज लगातार 11वें दिन कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई. नई दिल्ली में पेट्रोल की कीमतों में 16 और डीजल की कीमतों में 19 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई. इसी के साथ शहर में पेट्रोल की कीमत 79 रुपये 31 पैसे और डीजल की कीमत 71 रुपये 34 पैसे प्रति लीटर की दर पर पहुंच गई है.
वहीं कोलकाता, चेन्नई और मुंबई में भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई. आर्थिक राजधानी मुंबई में एक लीटर पेट्रोल 86 रुपये 72 पैसे प्रति लीटर और डीजल 75 रुपये 74 पैसे प्रति लीटर की दर से बिक रहा है.
तेल कंपनियों ने पेट्रोल की कीमत में 16 पैसे और डीजल की कीमत में 20 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है. आपको बता दें कि डीजल की कीमतों में वृद्धि के कारण महंगाई बढ़ सकती है, क्योंकि खाद्य और कृषि उत्पादों के परिवहन के लिए वाहनों में डीजल ही इस्तेमाल होता है.
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल बढ़ती तेल की कीमतों को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर है और इसे जीएसटी के दायरे में लाने की मांग कर रही है. पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि केंद्र और राज्यों को एक साथ मिलकर पेट्रोल और डीजल को जल्द वस्तु औप सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने का काम करना चाहिए. पूर्व वित्तमंत्री का बयान पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रोज ऊंचाई का नया रिकॉर्ड बनने के बाद आया है.
चिदंबरम ने ट्विटर के माध्यम से कहा, "पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार इजाफा करना जरूरी नहीं है, क्योंकि कीमतों में वृद्धि बहुत ज्यादा कर होने के कारण हो रही है. अगर करों में कटौती की जाए जो कीमतों में भारी कमी आ जाएगी."
Centre blaming the States is a spurious argument. BJP forgets its boast that BJP is ruling 19 States. Centre and States must act together and bring petrol and diesel under GST.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) September 3, 2018
कांग्रेस नेता ने कहा, "केंद्र की ओर से राज्यों को दोषी ठहराना बनावटी तर्क है. बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) अपनी डींग मारने वाली बातें भूल गई क्योंकि बीजेपी 19 राज्यों में सत्ता में है. केंद्र और राज्य को मिलकर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का काम करना चाहिए."
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