इस साल 63 बार बढ़ चुके हैं पेट्रोल-डीज़ल के दाम, एक्साइज टैक्स से सरकार को हुई 3.34 लाख करोड़ रुपए की कमाई
इस साल अबतक 63 बार पेट्रोल की क़ीमत बढ़ाई जा चुकी है जबकि महज 4 बार इसकी क़ीमत घटाई गई है. सरकार ने ये आंकड़ा 1 जनवरी से 9 जुलाई तक का पेश किया है.
![इस साल 63 बार बढ़ चुके हैं पेट्रोल-डीज़ल के दाम, एक्साइज टैक्स से सरकार को हुई 3.34 लाख करोड़ रुपए की कमाई Petrol and diesel prices have increased 63 times this year, the government earned Rs 3.34 lakh crore from excise tax ann इस साल 63 बार बढ़ चुके हैं पेट्रोल-डीज़ल के दाम, एक्साइज टैक्स से सरकार को हुई 3.34 लाख करोड़ रुपए की कमाई](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/07/20/bb8276ef8c7a88d197e01b70c94bd4e2_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: देशभर में पेट्रोल और डीज़ल की क़ीमत में आग लगी हुई है. दिल्ली और मुम्बई समेत देश के कई बड़े शहरों में पेट्रोल की क़ीमत सैकड़ा पार कर चुकी है. सोमवार को देश की संसद में पेट्रोल और डीज़ल के दाम को लेकर सरकार की ओर से कुछ ऐसे तथ्य पेश किए गए जिन्हें जानकर आप चौंक जाएंगे. आप जानना चाहेंगे कि आख़िर 2021 में अबतक कितनी बार पेट्रोल और डीज़ल के दाम में बढ़ोत्तरी की गई है.
इस साल 63 दिन बढ़े पेट्रोल के दाम
आज लोकसभा में पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से दिए गए लिखित जवाब के मुताबिक़ इस साल अबतक 63 बार पेट्रोल की क़ीमत बढ़ाई जा चुकी है जबकि महज 4 बार इसकी क़ीमत घटाई गई है. सरकार ने ये आंकड़ा 1 जनवरी से 9 जुलाई तक का पेश किया है. जैसा कि हम जानते हैं कि अब तेल कंपनियां रोज़ाना पेट्रोल और डीज़ल के दाम तय करती हैं. अगर पेट्रोल की बात की जाए तो 123 दिन ऐसे रहे हैं जिस दिन दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया.
61 दिन बढ़ी डीज़ल के क़ीमत
इसी तरह 61 दिन ऐसे रहे जिस दिन डीज़ल की क़ीमत में बढोत्तरी की गई जबकि मात्र 4 दिन ऐसे थे जब क़ीमत घटाई गई. 125 दिन ऐसे रहे जब डीज़ल की क़ीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया. अगर पिछले तीन सालों की बात करें तो 2018-19 के दौरान पेट्रोल की क़ीमत में 148 बार , 2019- 20 में 89 बार जबकि 2020-21 में 76 बार बढोत्तरी की गई थी. इसी तरह डीज़ल के दाम 2018-19 में 140 बार , 2019-20 में 79 बार जबकि 2020-21 के दौरान 73 बार बढ़ाए गए.
एक्साइज ड्यूटी से हुई बम्पर कमाई
एक और चौंकाने वाली जानकारी केंद्र सरकार को पेट्रोलियम पदार्थों, ख़ासकर पेट्रोल और डीज़ल, पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी से होने वाली कमाई से जुड़ी हुई सामने आई. पिछले तीन साल में सरकार को हुई कमाई की तुलना करें तो पिछले साल ( 2020-21 ) में ज़बर्दश्त इज़ाफ़ा हुआ है. 2018-19 में सरकार को एक्साइज ड्यूटी से 235301 करोड़ रुपए की कमाई हुई जिसमें क़रीब 213000 करोड़ रुपए सिर्फ़ पेट्रोल और डीज़ल पर लगने वाले टैक्स से आए. वहीं 2019-20 में 197845 करोड़ रुपयों की आमदनी हुई. 2020-21 में सरकार को होने वाली कमाई में ज़बर्दश्त इज़ाफ़ा हुआ और ये बढ़कर 344746 करोड़ रुपए तक जा पहुंचा. इसमें क़रीब 334000 करोड़ रुपए पेट्रोल और डीज़ल पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी से आए थे.
दिल्ली में 30 फ़ीसदी लगता है वैट
फ़िलहाल केंद्र सरकार की ओर से बिना ब्रांड वाले पेट्रोल पर 32.80 रुपए जबकि ब्रांड वाले पेट्रोल पर 34.10 रुपए एक्साइज टैक्स की वसूली होती है. वही दोनों तरह के डीज़ल पर 31.80 रुपए और 34.20 रुपए का एक्साइज टैक्स केंद्र सरकार की ओर से वसूला जाता है. हालांकि केंद्र की ओर से वसूले गए एक्साइज टैक्स का एक बहुत बड़ा हिस्सा वापस राज्यों को दे दिया जाता है. इतना ही नहीं, पेट्रोल डीजल की क़ीमत में एक बड़ा हिस्सा राज्यों की तरफ़ से वसूला जाने वाला वैट भी होता है. मसलन दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल पर राज्य सरकार 30 फ़ीसदी वैट वसूलती है.
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