नई दिल्ली: कोरोना ने देश की सेहत बिगाड़ रखी है तो पेट्रोल डीजल के बढ़ते दाम ने आपकी जेब की सेहत बिगाड़ दी है. पेट्रोल की कीमत सौ के पार पहुंच गई है. जिस वक्त मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार हो रहा था, उस वक्त तक पेट्रोल चार महानगरों में सेंचुरी लगा रहा था.
गुरुवार भी पेट्रोल के दाम 35 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दिए गए, डीजल भी 9 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया. सीएनजी के दाम दिल्ली में 90 पैसे प्रति किलो बढ़ गए. इस साल की शुरुआत से 8 जुलाई तक पेट्रोल की कीमत 16 रुपये 85 पैसे प्रति लीटर और डीजल की कीमत 15 रुपये 75 पैसे प्रति लीटर बढ़ चुकी है. ऐसे में जनता की हालत तो खराब होगी ही क्योंकि पेट्रोल-डीजल, सीएनजी और पीएमजी कुछ ऐसा नहीं जो इस मुश्किल वक्त में महंगा नहीं है.
नए पेट्रोलियम मंत्री बोले- थोड़ा वक्त दें
पेट्रोलियम मंत्रालय को नया वजीर मिला है, हरदीपपुरी पुरी अब नया पद संभालेंगे. जबकि धर्मेंद्र कहीं और नजर आएंगे लेकिन देश को नया पेट्रोलियम मंत्री मिला है और विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला भी शुरू हो गया. कहीं कांग्रेस का प्रदर्शन हो रहा है तो अब किसान भी पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत के बढ़ने के विरोध में सड़क पर उतर आए हैं. अमृतसर, मोहाली, गाजियाबाद, नोएडा हर जगह अन्नदाता सड़क पर उतर कर विरोध कर रहा है.
इन सबके बीच विपक्ष को मौका मिला है तो वो भी कोई कसर छोड़ने वाला नहीं है क्योंकि मामला सीधे जनता के दर्द से जुड़ा है. ममता बनर्जी ने कहा कि मन की बात में पेट्रोल, डीजल, पीएम केयर फंड की बात करें. वहीं नए तेल मंत्री ने हरदीपु पुरी ने कहा कि मुझे थोड़ा वक्त दीजिए मैं समझकर आपसे बात करुंगा. कीमतों का गणित समझने के लिए नए पेट्रोलियम मंत्री थोड़े वक्त की मांग कर रहे है. बस लोगों की जेब का ध्यान रखिए. दाम के बहाने जिस जनता का तेल निकल रहा है उसको कुछ राहत दें.
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