कोलकाता: पश्चिम बंगाल में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये के पार जाने पर तृणमूल कांग्रेस ने 10 और 11 जुलाई को पूरे राज्य में विरोध करने का फैसला लिया है. आज कोलकाता में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 99.84 रुपये हो गई है. इसके अलावा हाल ही में बिना सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम में 25 रुपये की बढ़ोतरी भी की गई.
मंत्री और टीएमसी के पूर्व महासचिव पार्थ चटर्जी ने एलान किया, “पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर 10 और 11 जुलाई को सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन होगा. सभी कोविड -19 प्रोटोकॉल बनाए रखे जाएंगे.”
उन्होंने कहा, ''केंद्र सरकार खामोश बैठी है. यह जनता पर बोझ है. इससे उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें प्रभावित होती हैं. परिवहन सेवाएं भी इससे प्रभावित हैं."
पार्थ चटर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्विटर पर टैग करते हुए लिखा, "श्री नरेंद्र मोदी हर बार भारत के लोगों के संकट में नाटक के लिए एक रुचि रखते हैं. अब पेट्रोल की आसमान छूती कीमतों के साथ, वह क्यों छिप गए हैं? एक बड़े झूठ से भरे भाषण की तैयारी श्रीमान प्रधान मंत्री? #मोदीबाबूपेट्रोलबेकाबू.”
पहली बार दो जुलाई को उत्तर बंगाल में कई जगहों पर पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये प्रति लीटर के पार चली गई. कोलकाता में हाई-ऑक्टेन पेट्रोल की कीमत पहले ही 100 प्रति लीटर से आगे बढ़ चुकी है.
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के मुताबिक जहां पेट्रोल की कीमतों में 34-35 पैसे तक की बढ़ोतरी हुई है, वहीं डीजल की कीमतों में सोमवार को गिरावट दर्ज की गई. मई की शुरुआत से ही पूरे देश में ईंधन की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. चार मई से पेट्रोल के दाम 35 बार और डीजल के 33 बार बढ़ाए गए हैं. इस दौरान पेट्रोल 9.46 रुपये प्रति लीटर और डीजल 8.63 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है.
शहर के पेट्रोल पंप मालिक नए डिस्प्ले पैनल की मांग कर रहे हैं, जिसमें 5 अंक दिखाई देते हैं. दरअसल वर्तमान में लगे डिस्प्ले पैनल में मीटर 99.99 के ऊपर के अंक नहीं दिखाता. बता दें कि इस तरह के बदलाव की आखिरी बार अक्टूबर 1990 में ज़रूरत पड़ी थी, जब ईंधन की कीमतें एक अंक से ज्यादा हुई थीं.
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