Petrol-Diesel Price:  पेट्रोल और डीजल पर केंद्र के एक्साइज टैक्स घटाने के दो दिनों बाद बीजेपी ने मूल्य वर्धित कर (वैट) नहीं घटाने को लेकर विपक्षी दलों की आलोचना की और तेल की ऊंची कीमतों को लेकर उन पर तुच्छ राजनीति करने का आरोप लगाया. बीजेपी ने कहा कि विपक्ष पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमतों को लेकर केंद्र पर हमले कर रहा है, लेकिन जब केंद्र सरकार ने उत्पाद शुल्क घटाया तब उन्होंने अपने-अपने शासन वाले राज्यों में वैट क्यों नहीं घटाया. 14 राज्यों ने अब तक वैट में कमी नहीं की है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने दिवाली से एक दिन पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच रुपये और 10 रुपये की कटौती की थी.


किन 14 राज्यों ने नहीं की कटौती


अभी तक 22 राज्यों ने वैट में कमी की है. जबकि 14 राज्यों ने अभी तक कोई कटौती नहीं की है. इन 14 राज्यों में राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़, दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार, ओडिशा, झारखंड, केरल, मेघालय, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना शामिल हैं.


बीजेपी ने साधा विपक्ष पर निशाना


बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि पार्टी शासित राज्यों ने केंद्र द्वारा आम आदमी को दी गई राहत को और अधिक बढ़ाने के लिए ईंधन पर वैट घटा दिया, लेकिन कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे विपक्षी दल शासित राज्यों ने ऐसा नहीं किया. भाटिया ने कहा, ‘‘यदि केंद्र और बीजेपी शासित राज्य लोगों को राहत दे सकते हैं तो फिर कांग्रेस शासित राज्य क्यों नहीं दे सकते?’’


बीजेपी प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासित राज्य ‘निर्मम और अक्षम’ हैं. उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तेल की ऊंची कीमतों को लेकर कुछ दिन पहले केंद्र सरकार पर ‘जेबकतरों से सावधान’ और उगाही करने का तंज किया था. बीजेपी नेता ने कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस से बड़ा जेबकतरा कोई नहीं है.


भाटिया ने कहा कि कांग्रेस शासित राजस्थान में पेट्रोल पर वैट 32.19 रुपये है और यह विपक्षी गठबंधन (महाविकास आघाड़ी) नीत महाराष्ट्र में 31 रुपये हैं, जबकि बीजेपी शासित राज्यों, उत्तर प्रदेश में 21.86 रुपये और उत्तराखंड में 20.46 रुपये है. भाटिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने लोगों से जुटाये गये अतिरिक्त कर का उपयोग राष्ट्र निर्माण और जन कल्याण के लिए किया. उन्होंने कहा कि 19 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष नकद अंतरण (डीबीटी) किया गया है और गरीबों को मुफ्त राशन दिया गया.


शरद पवार ने क्या कहा?


इस मामले पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि हमें इस मुद्दे पर राज्य सरकार से बात करनी होगी. उन्होंने कहा है कि वे निश्चित रूप से राहत (पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर) देंगे, लेकिन केंद्र को राज्य को जल्द से जल्द जीएसटी मुआवजा देना चाहिए. इसके बाद ही लोगों की मदद के लिए यह फैसला लेना संभव होगा.


यह भी पढ़ें-


Delhi Pollution Update: दिल्ली में प्रदूषण का 5 साल का रिकॉर्ड टूटा, आज मिल सकती है कुछ राहत


Bihar Liquor Deaths: बिहार में जहरीली शराब से अब तक 36 की मौत, सीएम नीतीश बोले- समीक्षा करेंगे