नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है. आज एक बार फिर तेल कंपनियों ने पेट्रोल की कीमत में 18 पैसे प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 21 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की. इसी के साथ राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल 83 रुपये 40 पैसे और डीजल 74 रुपये 63 पैसे प्रति लीटर के रिकॉर्ड दर पर पहुंच गया. वहीं मुंबई में आज एक लीटर पेट्रोल 90 रुपये 75 पैसे और डीजल 79 रुपये 23 पैसे की दर से बिक रहा है.


पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर मोदी सरकार निशाने पर है. विपक्षी दल चुनाव पूर्व किये गये वायदों को याद दिला रहे हैं. साथ ही विपक्षी पार्टी पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने और टैक्स में कटौती की मांग कर रही है. सरकार का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय कारणों से तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. वहीं जीएसटी के दायरे में लाने पर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है.



कल ही जब वित्त मंत्री अरुण जेटली पूछा गया कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम करने के लिए क्या सरकार कच्चे तेल पर कर कटौती करने पर विचार कर रही है. तो उन्होंने सवाल टाल दिया. वस्तु एवं सेवा कर परिषद (जीएसटी काउंसिल) की बैठक के बाद उनसे जब यह पूछा गया कि क्या बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार किया गया तो उन्होंने कहा, "यह एजेंडा में नहीं था."


आपको बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव चार साल के ऊपरी स्तर पर चला गया और लगातार तेजी का सिलसिला जारी है. भारत में तेल का दाम अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम से तय होता है, इसलिए कच्चे तेल में मौजूदा तेजी के कारण पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. डीजल की कीमत बढ़ने से महंगाई बढ़ने का खतरा रहता है, क्योंकि ट्रांसपोर्ट में डीजल का इस्तेमाल किया जाता है.