नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बीच पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को कहा कि राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे कांग्रेस शासित राज्यों को वाहन ईंधन पर करों में कटौती करनी चाहिए. हालांकि, उन्होंने इस बात पर चुप्पी साध ली कि क्या बीजेपी शासित मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्य भी ऐसा करेंगे, जहां पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के पार निकल गया है.


प्रधान ने कहा कि यदि कांग्रेस आम आदमी पर वाहन ईंधन कीमतों के बढ़ते बोझ की वजह से चिंतित है, तो उसे अपने शासन वाले राज्यों में पेट्रोल और डीजल पर बिक्रीकर में कटौती करनी चाहिए.


छह हफ्ते में पेट्रोल 5.72 रुपये प्रति लीटर और डीजल 6.25 रुपये प्रति लीटर महंगा


पिछले करीब छह सप्ताह से कम में पेट्रोल 5.72 रुपये प्रति लीटर और डीजल 6.25 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ने और ऊंचे केंद्रीय और राज्य करों की वजह से वाहन ईंधन के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं.


इंद्रप्रस्थ गैस लि. द्वारा महाराजा अग्रसेन अस्पताल में स्थापित ऑक्सीजन संयंत्र का उद्घाटन करने के बाद धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कहा कि महामारी से लड़ाई और अन्य विकास कार्यों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को पेट्रोल, डीजल पर करों से अतिरिक्त पैसे की जरूरत है.


उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि वाहन ईंधन के दाम उपभोक्ताओं को चोट पहुंचा रहे हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी वाहन ईंधन कीमतों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर लगातार हमलावर हैं. इस बारे में एक सवाल पर प्रधान ने कहा कि महाराष्ट्र, राजस्थान और पंजाब में ईंधन महंगा क्यों है.


राहुल गांधी से मांगा जवाब


धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राहुल गांधी को इस बात का जवाब ज़रूर देना चाहिए कि पंजाब, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे कांग्रेस शासित राज्यों में ईंधन की कीमतें इतनी ज्यादा क्यों हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यदि राहुल गांधी गरीबों पर वाहन ईंधन कीमतों की मार से चिंतित हैं तो उन्हें कांग्रेस शासित राज्यों में ईंधन पर करों में कटौती के लिए मुख्यमंत्रियों से कहना चाहिए.’’


हालांकि, प्रधान ने यह नहीं बताया कि क्या मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे बीजेपी शासित राज्य भी ऐसा ही करेंगे, जहां स्थानीय करों की वजह से पेट्रोल का दाम 100 रुपये प्रति लीटर के पार चला गया है.


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