Petrol Diesel Price Hike Impact: एक तरफ जहां देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है तो दूसरी तरफ पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों ने लोगों लोगों के लिए और मुश्किल खड़ी कर दी है. कोलकाता में प्रति लीटर पेट्रोल 100 रुपये के पार चला गया है और डीजल की कीमत भी 92.81 रुपये प्रति लीटर हो गई है. पेट्रोल डीज़ल की बढ़ती कीमतों का असर अब मरीज़ों को अस्पताल ले जाने वाले एंबुलेंस के किराए पर भी पड़ रहा है.
एम्बुलेंस सेवा प्रदाता संदीप सिंह ने कहा, "तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से पहले किराया 800 रुपये था, अब 1000-1200 हो गया है. अगर कीमतों में और इजाफा होता है तो ये 1500-1600 तक भी पहुंच सकता है."
कीमतों में लगातार होती बढ़ोतरी ने मरीजों के परिवार वालों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. उनका कहना है कि इलाज में खर्च करें या एम्बुलेंस में? प्रियंका दास ने कहा, "पेट्रोल के दाम बढ़ने से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. 3500 में हम आमतौर पर सब कुछ पूरा करते थे, अब हमें 4500-5000 लगते हैं. दाम बढ़ाए गए और हमारी आमदनी भी आधी हो गई. बहुत बड़ी समस्या है. हमें नहीं पता कि हमारे लिए आगे क्या है, लेकिन अगर ये समस्याएं खत्म हो जाएं तो यह हमारे लिए अच्छा होगा."
एंबुलेंस चालक अजित कुमार ने अपना दुख जाहिर करते हुए कहा, "कोविड के दौरान हम 3500 रुपये लेते थे. तेल और पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के कारण, हम अब 4500 रुपये ले रहे हैं. ये सब रख रखाव के लिए है और उसके बाद, हमारे पास शायद ही अपने लिए कुछ बचता है. सरकार को इस पर देखना चाहिए. हमें बहुत सारी समस्याएं हैं."
कलकत्ता मेडिकल कॉलेज अस्पताल के परिसर में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के विरोध में एक संगठन ने फैंसी रथ यात्रा निकाली जिसमें उन्होंने एम्बुलेंस को रथ की तरह सजाया. संगठन के एंबुलेंस चालकों ने एंबुलेंस को रस्सी से खींचा और बाउ बाज़ार जंक्शन से मेडिकल कॉलेज के गेट तक विरोध स्वरूप एंबुलेंस को खीचकर लाए.
प्रदर्शनकारियों का कहना है, "एम्बुलेंस जीवन का रथ है. लेकिन पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण हमें सेवाएं मुहैया कराने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इससे मरीज व उनके परिवार को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. तो आज हम रथ यात्रा के दिन ऐसे ही धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. मैं जगन्नाथ देव को एंबुलेंस में घसीट रहा हूं."