नई दिल्लीः पेट्रोल और डीजल के बढ़ते भाव से आम लोग परेशान हैं. बढ़ती कीमतों का असर आम जनता पर पड़ रहा है और इससे महंगाई में भी इजाफा देखने को मिल रहा है. पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमत को लेकर आरबीआई गवर्नर, वित्त मंत्री सहित कई मंत्री चिंता भी जता चुके हैं. हालांकि देश में बीते 14 दिन से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में किसी तरह की कोई बढ़ोतरी दर्ज नहीं हुई है.


पेट्रोल और डीजल को अगर जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो इसकी कीमतों में कमी लाई जा सकती है. जीएसटी में आने से इनकी कीमतों में 25 रुपये तक कमी आ सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग का कर चुके हैं.


महाराष्ट्र और दिल्ली कर चुके हैं जीएसटी के दायर में लाने की मांग
महाराष्ट्र सरकार भी अब पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाने की मांग कर रही है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने का कहना है कि ऐसा करने से केंद्र और राज्य दोनों को फायदा होगा. वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद के केजरीवाल भी पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग कर चुके हैं. ऐसे में दूसरे राज्यों के इस पर सहमत होने से इन्हें जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है.


कीमतों में 27 फरवरी को हुआ था बदलाव
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 27 फरवरी को आखरी बदलाव देखने को मिला था. 28 फरवरी से आज तक कीमतो में स्थिरता बनी हुई है. राजधानी दिल्ली में आज पेट्रोल 97.17 रुपये प्रति लीटर और डीजल 81.47 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर रहा. हर दिन सुबह 6 बजे कीमतों में बदलाव दर्ज होता है लेकिन पिछले 14 दिन से कीमत स्थिर बनी हुई है.


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