नई दिल्ली: भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई क्या देश का पहला ऐसा महानगर बन जाएगा, जो रेगुलर पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर पर बिकते हुए देखेगा? ऐसा हो सकता है, अगर रिटेलर्स द्वारा कीमतों में हर दूसरे या तीसरे दिन दस पैसे की बढ़ोतरी का ट्रेंड बना रहे. गुरुवार को इस महीने की 14वीं बार कीमतों में वृद्धि के बाद महाराष्ट्र में पहली बार ठाणे में पेट्रोल ने 100 रुपये का आंकड़ा पार किया और मुंबई में शतक से सिर्फ छह पैसे पीछे है.


मुंबईकर जहां अपने बटुए पर प्रभाव के लिए तैयार हैं, वहीं जयपुर, भोपाल के बाद सेकंड स्टेट केपिटल बन गया है जहां पेट्रोल की कीमत 100 रुपये से ऊपर है. राजस्थान में पहली बार 17 फरवरी को श्रीगंगानगर में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर को पार हुई और उसके बाद मध्य प्रदेश में भोपाल में भी कीमत 100 रुपये प्रति लीटर पार हो चुकी हैं. 


राजस्थान में फ्यूल पर सबसे ज्यादा वैट


राजस्थान में फ्यूल पर सबसे अधिक वैट है और इसके बाद मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र का नंबर है. यह इन राज्यों में पेट्रोल की कीमतों में उछाल को समझाता है. हालांकि अन्य सभी राज्यों में भी पेट्रोल 90 रुपये प्रति लीटर से ऊपर बिक रहा है. राज्यों में तेल की कीमतों में अंतर रिफाइनरी या आपूर्ति डिपो से पंपों पहुंचाने, कुछ शहरों में चुंगी या एंट्री टैक्स आदि के कारण भी होती है.


पांच राज्यों में चुनाव प्रचार के दौरान स्थिर रही तेल की कीमतें
जनवरी के बाद से पेट्रोल की कीमत मुंबई में लगभग 11% या 9.60 रुपये प्रति लीटर और दिल्ली में 9.97 रुपये बढ़ी है. वहीं, मुंबई में डीजल लगभग 14% या 11.36 रुपये प्रति लीटर और दिल्ली में 10.74 रुपये महंगा हो गया है.  तेल की कीमतें 28 फरवरी से 3 मई के बीच स्थिर बनी हुई थीं, जब पांच राज्यों में चुनाव प्रचार चल रहा था, भले ही इस अवधि के दौरान कच्चे तेल की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल थी. अमेरिका, पश्चिमी यूरोप और चीन से मांग बढ़ने से फिलहाल कच्चे तेल की कीमत 68 डॉलर के आसपास है.


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