नई दिल्ली: देश की आम जनता पर लगातार महंगाई की मार पड़ रही है. लेकिन जनता इससे बेखबर है. राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 75 रुपए के पार पहुंच गई है. पेट्रोल 15 पैसे और महंगा हो गया है. वहीं, डीजल भी 21 पैसे मंहगा हुआ है. दिल्ली में अब डीजल की कीमत 66 रुपए 57 पैसे प्रति लीटर पहुंच गई है. कर्नाटक चुनाव के बाद से पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर 47 पैसे बढ़ चुकी है. मनमोहन सरकार के जमाने में 14 सितंबर 2013 को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 76.06 रुपये पर पहुंच गई थी, जो अब तक सबसे ऊंचा स्तर है और मोदी सरकार अब उसके करीब पहुंच रही है.
कहां कितने रुपए प्रति लीटर मिल रहा है पेट्रोल?
देश के चार बड़े शहरों में पेट्रोल की कीमत आसमान छू रही है. राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 75 रुपए 10 पैसे मिल रहा है तो कोलकाता में 77 रुपए 79 पैसे, आर्थिक राजधानी मुंबई में 82 रुपए 94 पैसे और चेन्नई में 77 रुपए 93 पैसे प्रति लीटर मिल रहा है.
याद रहे कि 14 सितंबर 2013 में दिल्ली में पेट्रोल 76.06 रुपये, कोलकाता में 83.63 रुपये, मुंबई में 83.62 रुपये और चेन्नई में 79.55 रुपये थी. हालांकि, मोदी सरकार डीजल के दाम के मामले में पहले ही मनमोहन सरकार के उंच स्तर का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है.
कहां कितने रुपए प्रति लीटर मिल रहा है डीजल?
डीजल में भी आज 21 पैसे की बढ़ोतरी हुई है. कर्नाटक चुनाव के बाद 64 पैसे की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. राजधानी दिल्ली में डीजल 66 रुपए 57 पैसे मिल रहा है तो कोलकाता में 69 रुपए 11 पैसे, आर्थिक राजधानी मुंबई में 70 रुपए 88 पैसे और चेन्नई में 70 रुपए 25 पैसे प्रति लीटर मिल रहा है.
केंद्र सरकार फिलहाल पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कमी के पक्ष में नहीं है. पेट्रोलियम मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते कच्चे तेल के दामों के मद्देनजर पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कटौती की मांग की थी, लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक फरवरी को बजट में उसकी इस मांग को नजरअंदाज कर दिया था.
लगातार बढ़ते जा रहे हैं डीजल-पेट्रोल के दाम
दरअसल पिछले साल जून से रोजाना डीजल और पेट्रोल के दाम तय होते हैं. ऐसे में जनता को इस बात की भनक भी नहीं लगती कि रोजाना पांच-पांच, दस-दस पैसे बढ़कर डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ते जा रहे हैं.
दाम कम करने में असफल साबित हुई मोदी सरकार
मोदी सरकार 26 मई 2014 को केंद्र की सत्ता में आई थी. उस समय दिल्ली में पेट्रोल करीब 71.41 रुपए और डीजल 56.71 रुपए में मिलता था. ऐसे में कांग्रेस पर महंगाई का आरोप लगाकर और देश से महंगाई कम करने का वादा करके सत्ता में आई मोदी सरकार भी पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने में असफल साबित हुई है.