नई दिल्ली: पेट्रोल डीजल की कीमतों में इजाफे के सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं. आज दिल्ली में पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर 76 रुपये 24 पैसा पर पहुंच गई, जो अब तक का रिकॉर्ड है. ये दिल्ली में पेट्रोल की सबसे ऊंची दर है. मनमोहन सरकार में पेट्रोल की कीमत की सबसे ऊंची दर 76 रुपये 6 पैसा थी, जो रिकॉर्ड मोदी सरकार के राज में आज टूट गया.


इस तरह डीजल के मामले में मनमोहन सरकार की तुलना में कीमत का रिकॉर्ड पहले टूट चुका था, अब मोदी सरकार के दौर में उनकी सरकार का रिकॉर्ड एक बार फिर टूटा है. डीजल दिल्ली में 67 रुपया 57 पैसे प्रति लीटर बिक रहा है. इतना महंगा डीजल इतिहास में पहली बार हुआ है.

पेट्रोल
दिल्ली में पेट्रोल सबसे अधिक महंगा 14 सितंबर 2013 को हुआ था. तब दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 76 रुपये छह पैसे थी. कोलकाता में 83 रुपये 63 पैसे, मुंबई 83 रुपये 62 पैसे और चेन्नई 79 रुपये 55 पैसे प्रति लीटर थी. अब आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल की कीमत 84.7 रुपये प्रति लीटर, भोपाल में 81.83 रुपये प्रति लीटर, पटना में 81.73 रुपये प्रति लीटर, हैदराबाद में 80.76 रुपये प्रति लीटर, श्रीनगर में 80.35 रुपये प्रति लीटर, कोलकाता में 78.91 रुपये प्रति लीटर, चेन्नई में 79.13 रुपये प्रति लीटर, पणजी 70.26 रुपये प्रति लीटर है.


डीजल
सार्वजनिक तेल कंपनियों ने कहा कि दिल्ली में डीजल के दाम 26 पैसे प्रति लीटर बढ़े हैं. डीजल की कीमत हैदराबाद में सबसे अधिक है. जहां 73 रुपये 45 पैसे में एक लीटर डीजल मिल रहा है. रायपुर में 72 रुपये 96 पैसे, गांधीनगर में 72 रुपये 63 पैसे, भुवनेश्वर में 72 रुपये 43 पैसे, पटना में 72 रुपये 24 पैसे, जयपुर में 71 रुपये 97 पैसे, रांची में 71 रुपये 35 पैसे, भोपाल में 71 रुपये 12 पैसे, मुंबई में 71 रुपये 94 पैसे, कोलकाता में 70 रुपये 12 पैसे, चेन्नई में 71 रुपये 32 पैसे और श्रीनगर में 70 रुपये 96 पैसे प्रति लीटर डीजल की कीमत है.


सरकार बोली देखिये क्या होता है?
सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने से इनकार कर दिया है. एक अधिकारी ने कीमत कम किए जाने के सवाल पर कहा कि वह कुछ नहीं कह सकते हैं. 'देखते हैं क्या होता है.' आपको बता दें कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनने के बाद नौ बार एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी की गई है. जिसकी वजह से पेट्रोल की कीमतों में 11 रुपये 77 पैसे की एक्साइज ड्यूटी बढ़ चुकी है. नवंबर 2014 से जनवरी 2016 के बीच कच्चे तेल की कीमतों में कमी के बावजूद कीमतों में कटौती नहीं की गई थी.


पेट्रोल डीजल की कीमतों में इजाफे को लेकर मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि ईंधन के भाव चार साल के शिखर पर पहुंच गए. मोदीनॉमिक्स का प्रमुख सिद्धांत : जितने लोगों को मूर्ख बना सको, उतने को बनाओ, जितनी बार आप बना सकें बनाइए.


क्यों बढ़ रही है पेट्रोल की कीमत?
हाल के दिनों में इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में भारत में भी अनियंत्रित ढंग से इजाफा हो रहा है. रह राज्य में सेल्स टैक्स और वैट अलग-अलग होने की वजह से कीमत अलग अलग है.