नई दिल्ली: ऐसे समय में जब मोदी सरकार चार साल का जश्न मना रही है. उसी वक्त आम लोगों पर महंगाई की मार भी जारी है. लगातार 14वें दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. पेट्रोल की कीमतों में कल के मुकाबले आज 15 पैसे और डीजल की कीमतों में 16 पैसे का इजाफा हुआ है. देश के कई हिस्सों में पेट्रोल 80 रुपये प्रति लीटर के ऊपर बिक रहा है. दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 78 रुपये 12 पैसे हो गई है. वहीं कोलकाता में 80 रुपये 76 पैसे, मुंबई में 85 रुपये 93 पैसे और चेन्नई में 81 रुपये 11 पैसे प्रति लीटर की दर से बिक रहा है. दिल्ली में एक लीटर डीजल की कीमत 69 रुपये 6 पैसे, कोलकाता में 71 रुपये 61 पैसे, मुंबई में 73 रुपये 53 पैसे और चेन्नई में 72 रुपये 91 पैसे प्रति लीटर है.


कल दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 77 रुपये 97 पैसे प्रति लीटर थी. वहीं कोलकाता में 80 रुपये 61 पैसे, मुंबई में 85 रुपये 78 पैसे और चेन्नई में 80 रुपये 95 पैसे प्रति लीटर थी. ध्यान रहे की कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान लगातार 19 दिनों तक तेल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की गई थी. ऐसे में विपक्षी दलों का कहना है कि क्या मोदी सरकार ने सिर्फ वोट के लिए जनता को धोखे में रखा? कर्नाटक चुनाव के बाद पेट्रोल की कीमतों में 3 रुपये 49 पैसे और डीजल पर 3 रुपये 13 पैसे की बढ़ोतरी हुई है.


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बढ़ती तेल की कीमतों पर केंद्र की मोदी सरकार का कहना है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर लगाम के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे. लेकिन महंगाई पर कोई असर नहीं दिख रहा है. सरकार पेट्रो पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार कर रही है. विपक्षी दल बढ़ती कीमतों के खिलाफ सड़क पर है. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'बहुत हुई महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार' जैसे नारे याद दिला रही है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार के चार साल पूरे होने पर कहा कि लोगों को लगा था कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों को नियंत्रित करेगी लेकिन जनता के साथ धोखा किया गया.


क्या है बढ़ती कीमतों का कारण?


पेट्रोल डीजल की कीमतों में तेजी का प्रमुख कारण सरकार द्वारा वसूली जा रही उच्च उत्पाद कर, वैट व सेस हैं. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी कच्चे तेल की कीमत में उथल-पुथल जारी है. पिछले दो दिनों में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 3 डॉलर प्रति बैरल (एक बैरल में 159 लीटर) कम हुए हैं.


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