नई दिल्ली:  हो सकता है कि आपको इसका एहसास न हो, लेकिन पिछले दो महीने में देश में लाखों लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त करने वाली दूसरी कोविड लहर के चरम के दौरान आपके पेट्रोल और डीजल का बिल चुपचाप लगभग 10 फीसदी बढ़ गया. मई और जून के बीच 61 दिनों में से 32 दिन तेल के दाम बढे. जानिए मई से लेकर अबतक दो महीनों में पेट्रोल और डीजल के दाम कितने रुपए बढ़ें.


कितना महंगा हुआ डीजल पेट्रोल?


1 मई को 90.40 रुपए प्रति लीटर की कीमत से शुरू होकर अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 98.81 रुपए प्रति लीटर हो गई है, जो पिछले 60 दिनों में 8.41 रुपए प्रति लीटर है. इसी तरह, राजधानी में डीजल की कीमत भी पिछले दो महीनों में 8.45 रुपये प्रति लीटर बढ़कर दिल्ली में 89.18 रुपये प्रति लीटर हो गई.


कच्चे तेल की कीमत 2018 से कम, फिर भी तेल मंहगा


भारत में ईंधन की खुदरा कीमतों पर करीब से नजर डालने से यह पता चलता है कि यह उच्च स्तर के कर हैं जो ईंधन की दर को ऐसे समय में भी उच्च बनाए हुए हैं, जब वैश्विक तेल की कीमतें स्थिर हैं. वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत अब 75 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है. अक्टूबर 2018 में यह 80 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा था, लेकिन पूरे देश में पेट्रोल की कीमतें 80 रुपये प्रति लीटर के आसपास थीं.


राजस्थान के श्रीगंगानगर में टूटा रिकॉर्ड


ईंधन की कीमतें पहले से ही हर रोज नई ऊंचाई को छू रही हैं. राजस्थान के श्रीगंगानगर में पेट्रोल की कीमत सबसे महंगी है, जहां यह अब 109.67 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है. यहां तक कि शहर में डीजल की कीमत 102.12 रुपये प्रति लीटर है.


मुंबई में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 104.90 रुपये


मुंबई शहर में जहां 29 मई को पेट्रोल के दाम पहली बार 100 रुपये के पार चले गए, वहीं मंगलवार को पेट्रोल की कीमत 104.90 रुपये प्रति लीटर की नई ऊंचाई पर पहुंच गई. बुधवार को भी यह इसी स्तर पर बना रहा. शहर में डीजल की कीमतें भी बढ़कर 96.72 रुपये प्रति लीटर हो गईं, जो महानगरों में सबसे ज्यादा है.


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