Hardeep Puri On Petrol Prices: पेट्रोल डीजल की कीमतों को लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर है. विपक्ष का कहना है कि देश में कीमतें तेजी से ऊपर की ओर जा रही हैं. विपक्ष के सवालों का केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संसद में जवाब दिया. उन्होंने कहा है कि मौजूदा वैश्विक स्थिति और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों को देखते हुए अन्य देशों की तुलना में देश में पेट्रोल की कीमतें शायद सबसे कम हैं. 2021 और 2022 के बीच के बीच जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतें तेजी से बढ़ीं, तब भी भारत में पेट्रोल की कीमतों में सिर्फ दो फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.`


गुरुवार को संसद में प्रश्नकाल के दौरान सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों ने केंद्र के उत्पाद शुल्क में कमी के बाद पेट्रोल डीजल की कीमतों में कमी लाने के लिए वैट (VAT) घटाया था, जबकि कुछ विपक्षी शासित राज्यों ने ऐसा नहीं किया. पुरी ने कहा, "मैं यह बताना चाहूंगा कि पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल और झारखंड ने अपने करों में कटौती नहीं की है."


'केंद्र ने दो बार VAT घटाया'


पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने पंप पर कीमत उचित स्तर पर बनाए रखने के लिए नवंबर 2021 और मई 2022 में दो बार उत्पाद शुल्क घटाया. पुरी ने आगे कहा, "मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कुछ अन्य राज्यों ने भी वैट कम कर दिया है. अब हमारे पास ऐसी स्थिति है जहां कुछ राज्य 17 रुपये की दर से वैट वसूल रहे हैं और अन्य गैर-बीजेपी राज्य 32 रुपये की दर से वैट वसूल रहे हैं."


'विश्व स्तर पर हैं कई अनिश्चितताएं'


केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि इसमें एक अंतर है. कुछ सदस्य कह रहे थे कि आज पेट्रोल की कीमत कुछ जगहों पर 100 रुपये प्रति लीटर है, ऐसे में मैं यह कहना चाहता हूं कि आज महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि हम विश्व स्तर पर कई अनिश्चितताओं का सामना कर रहे हैं. 


'पेट्रोल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ी हैं'


पुरी ने कहा, "पेट्रोल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़े अंतर से बढ़ी हैं. कीमतें कई बार 40 प्रतिशत अधिक या 50 प्रतिशत अधिक होती हैं. भारत में 2021 और 2022 के बीच पेट्रोल की कीमतों में केवल दो प्रतिशत की वृद्धि हुई है. क्यों? ऐसा इसलिए है, क्योंकि हमने अपना उत्पाद शुल्क कम किया है और हमने राज्यों से भी वैट कम करने का आग्रह किया है. कुछ ने किया, कुछ ने नहीं किया."


तेल कंपनियों के राजस्व का जिक्र कर हरदीप पुरी ने कहा, "मेरे पास यहां कुछ आंकड़े हैं जो बहुत कुछ कह रहे हैं. OMCs ने वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में 28,360 करोड़ रुपये का कर पूर्व लाभ कमाया. यह 28,360 करोड़ रुपये का कर पूर्व लाभ है. ये तीन कंपनियां, IOCL , BPCL, और HPCL ने अगले वर्ष की पहली छमाही में 27,276 करोड़ रुपये का संयुक्त घाटा दर्ज किया है, इसलिए यह केंद्र सरकार के उत्पाद शुल्क में कमी का एक संयोजन है." 


उन्होंने कहा कि आज भारत में पेट्रोल की कीमतें शायद सबसे कम हैं. भारत में कच्चे तेल की औसत कीमत में 102 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. यह नवंबर 2020 से नवंबर 2022 के बीच 43.34 डॉलर से बढ़कर 87.55 डॉलर हो गई है. उस समय जब यह 102 प्रतिशत थी तब पेट्रोल की खुदरा कीमत केवल 18.95 प्रतिशत बढ़ी.


ये भी पढ़ें- Delhi Airport Overcrowding: दिल्ली एयरपोर्ट पर भीड़ को लेकर संसदीय कमेटी ने कंपनी को लगाई फटकार, एक महीने में हालात सुधरने के आसार