नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से आम लोगों को फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है. विपक्ष दलों के हमलों के बावजूद केंद्र की मोदी सरकार ने चुप्पी साध रखी है. आज ही केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर संवाददाताओं ने सवाल पूछा तो उन्होंने कुछ भी कहने की बजाय चुप्पी साधे रखी.
एक रिपोर्टर ने पूछा, ''सर पेट्रोल-डीजल के दाम रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गए हैं, उम्मीद करें कि सरकार कुछ राहत देगी?'' इस सवाल को धर्मेंद्र प्रधान ने रुककर सुना लेकिन वे जवाब देने की बजाय आगे बढ़ गए.
हालांकि धर्मेंद्र प्रधान पहले पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर बयान दे चुके हैं. उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत में वृद्धि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया के मूल्य में गिरावट के कारण है. बढ़ती कीमतों को काबू में करने के लिए केंद्र सरकार कई कदम उठा रही है. विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार से पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने और कर कटौती की मांग कर रही है.
आपको बता दें कि आज भी पेट्रोल-डीजल की कीमत में बड़ी बढ़ोतरी देखी गई. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज पेट्रोल की कीमत पर 24 पैसे प्रति लीटर इजाफा किया गया वहीं डीजल की कीमत पर 31 पैसे की बढ़ोतरी की गई. इसी के साथ दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल कीमत 83 रुपये 73 पैसे प्रति लीटर की दर पर पहुंच गई.
महंगाई की चौतरफा मार, पेट्रोल, डीजल, सीएनजी, पीएनजी और गैस सिलेंडर सब महंगा हुआ
डीजल की बात करें तो दिल्ली में डीजल का भाव 75 रुपये प्रति लीटर से ऊपर चला गया. महाराष्ट्र के परभणी में पेट्रोल का दाम 92.84 रुपये प्रति लीटर और डीजल 80.20 रुपये प्रति लीटर है.
इससे पहले रविवार को सीएनजी की कीमतें भी बढ़ाई गई. बाजार के जानकार बताते हैं कि तेल और गैस की कीमतों में बढ़ोतरी से आगे महंगाई बढ़ सकती है, क्योंकि वाहन ईंधन का दाम बढ़ने से माल ढुलाई से लेकर यात्री किराये में आने वाले दिनों में वृद्धि होना तय है.