नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी है. इसको लेकर आज केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इसकी मुख्य वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों का बढ़ना है, जहां कच्चे तेल की कीमत 70 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से अधिक है. उन्होंने कहा कि भारत 80 फीसदी तेल आयात करता है, यही वजह है कि उपभोक्ताओं पर असर पड़ता है.
पेट्रोलियम पदार्थ को जीएसटी के दायरे में लाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह इस विचार से सहमत हैं. उन्होंने कहा, "इस कमोडिटी की कीमत वैश्विक बाजार द्वारा नियंत्रित होती है. मेरी राय है कि ईंधन को जीएसटी के तहत लाया जाना चाहिए. लेकिन, यह तभी किया जाएगा जब जीएसटी परिषद के सदस्य आम सहमति पर पहुंचेंगे.''
दिल्ली में पेट्रोल 95.31 रुपये प्रति लीटर के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर है. वहीं डीजल 86.22 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है. मुंबई में पेट्रोल 101.52 और डीजल 93.58 प्रति लीटर की दर से बिक रहा है. छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश (राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और लद्दाख) में प्रेटोल इस समय 100 रुपये प्रति लीटर के पार बिक रहा है.
कांग्रेस का निशाना
कांग्रेस ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर सोमवार को सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ‘कर वसूली महामारी की लहरें’ लगातार आती जा रही हैं.
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘कई राज्यों में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो रही है. पेट्रोल पम्प पर बिल देते समय आपको मोदी सरकार द्वारा किया गया महंगाई में विकास दिखेगा. टैक्स वसूली महामारी की लहरें लगातार आती जा रही हैं.’’
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘भयंकर जनलूट - पिछले 13 महीने में पेट्रोल 25.72 रुपये, डीज़ल 23.93 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ! कई राज्यों में 100 रुपये प्रति लीटर पार हुआ.’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘पेट्रोल-डीज़ल में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी के लिए कच्चे तेल की क़ीमतें नहीं, मोदी सरकार द्वारा बढ़ाए गए कर ज़िम्मेदार हैं.’’