PFI Dissolved: केंद्र सरकार की तरफ से बैन किए जाने के बाद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई (PFI) के नेता अब्दुल सत्तार (Abdul Sattar) का बड़ा बयान सामने आया. उन्होंने केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "हम इस संगठन को भंग कर रहे हैं." केरल (Kerala) की राजनीति में अच्छा खासा रसूख रखने वाले नेता अब्दुल सत्तार ने खुद इस बात की जानकारी लोगों को दी है.
PFI के प्रदेश महासचिव अब्दुल सत्तार ने संगठन की केरल इकाई के फेसबुक पेज पर पोस्ट शेयर किया, “देश के कानून का पालन करते हुए संगठन गृह मंत्रालय का फैसला स्वीकार करता है.” सत्तार ने पोस्ट में यह भी कहा, ‘सभी पीएफआई सदस्यों और जनता को सूचित किया जाता है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को भंग कर दिया गया है. गृह मंत्रालय पीएफआई को बैन करने को लेकर नोटिस जारी किया है. अपने देश का कानून मानने वाले एक नागरिक के रूप में हम इस फैसले का स्वागत करते हैं."
अब्दुल सत्तार गिरफ्तार
पोस्ट करने के कुछ ही घंटे बाद सत्तार को करुणागपल्ली से पकड़ लिया गया. सत्तार को संगठन के फेसबुक पेज पर संदेश पोस्ट करने के कुछ घंटों बाद राज्य के अलाप्पुझा से गिरफ्तार किया गया. सत्तार संगठन के कार्यालयों पर देशव्यापी छापेमारी और उसके नेताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ 23 सितंबर को राज्यव्यापी हड़ताल बुलाकर कथित रूप से फरार था. गिरफ्तारी के बाद सत्तार को एनआईए को सौंपे जाने की संभावना है.
PFI कार्यकर्ता हिंसा में लिप्त
23 सितंबर की हड़ताल के दौरान पीएफआई (PFI) के कार्यकर्ता कथित तौर पर व्यापक हिंसा में लिप्त थे. पीएफआई के कार्यकर्ताओं ने छापेमारी के खिलाफ बसों, सार्वजनिक संपत्ति और यहां तक कि आम जनता पर हमले किए थे. बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए (NIA) के नेतृत्व में पिछले हफ्ते देश भर के 15 राज्यों में 93 स्थानों पर छापे मारे गए थे और देश में आतंकवादी गतिविधियों का कथित रूप से समर्थन करने के लिए 100 से अधिक पीएफआई नेताओं को गिरफ्तार किया था.
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