Supreme Court Hearing On PFI Ban: देश में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में डाली गई याचिका को आज कोर्ट ने सोमवार (06 नवंबर) को खारिज कर दिया. पीएफआई ने लगाए गए प्रतिबंध की पुष्टि करने संबंधी गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) न्यायाधिकरण के फैसले को चुनौती देने को लेकर याचिका दायर की गई थी.
जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ पहले उच्च न्यायालय जाना पीएफआई के लिए उचित होगा. पीएफआई की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने न्यायालय के इस विचार से सहमति व्यक्त की कि संगठन को पहले उच्च न्यायालय का रुख करना चाहिए था और फिर शीर्ष अदालत के पास आना चाहिए था.
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट जाने की दी इजाजत
इसके बाद पीठ ने याचिका खारिज कर दी, लेकिन पीएफआई को उच्च न्यायालय जाने की अनुमति दे दी. पीएफआई ने अपनी याचिका में यूएपीए न्यायाधिकरण के 21 मार्च के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उसने केंद्र के 27 सितंबर, 2022 के फैसले की पुष्टि की थी. केंद्र ने इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) जैसे वैश्विक आतंकवादी संगठनों के साथ कथित संबंधों और देश में सांप्रदायिक नफरत फैलाने की कोशिश के लिए पीएफआई पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है.
केंद्र ने पीएफआई पर लगाया प्रतिबंध
दरअसल केंद्र सरकार ने पीएफआई को गैरकानून संगठन घोषित करते हुए 5 साल का प्रतिबंध लगाया है. यूएपीए के तहत गठित ट्रिब्यूनल ने भी पीएफआई को गैरकानूनी संगठन घोषित करने वाले फैसले को सही ठहराया था. जिसके बाद संगठन ने मामले को हाईकोर्ट में न ले जाकर सीधे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा आप सीधे शीर्ष कोर्ट में कैसे आ गए?